शिमला, 26 जून (निस)
शिमला शहरी जिला कांग्रेस के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने कहा है कि नगर निगम शिमला का 5 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। सरकार नगर निगम के समय पर चुनाव करवाने में नाकामयाब रही है। उन्होंने कहा कि 5 साल के कार्यकाल में महापौर और पार्षदों में आपसी खींचतान चल रही। भाजपा पार्षद दो धड़ों में बंटे रहे जिससे शहर में विकास कार्य ही नहीं हो पाए। शहरी विकास मंत्री जो शिमला के विधायक हैं उन्होंने भी शहर के विकास कार्य करवाने में कोई रूचि नहीं दिखाई। अब जब नगर निगम के चुनाव सिर पर है तब उन्हें शहर की याद आई। अब वह वार्डों में जाकर शिलान्यास कर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। जितेंद्र चौधरी ने कहा कि पांचवा साल शिलान्यास का नहीं बल्कि उद्घाटनों का होता है।
उन्होंने कहा कि शिमला में लोगों को 5 से 6 दिन बाद पानी मिल रहा है। पानी के स्थायी समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। ट्रैफिक जाम में लोगों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ता है। घंटों ट्रैफिक जाम में लोग फंसे रहते हैं। स्कूल के बच्चे इस ट्रैफिक जाम से रोजाना स्कूल पहुंचने के लिए लेट होते हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मिले करोड़ों के बजट का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हुआ। केवल डंगे लगाने पर ही बजट खर्च दिया गया।
प्रशासक की नियुक्ति क्यों नहीं कर रही सरकार
जितेंद्र चौधरी ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर क्या वजह है कि सरकार प्रशासक की नियुक्ति नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि निगम का कार्यकाल पूरा हो चुका है। अब महापौर और पाषर्दों के पास शक्तियां नहीं रह गई है। ऐसे में पूरी कमान प्रशासक के हाथों में होनी चाहिए। लेकिन सरकार प्रशासक की नियुक्ति नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को छोटे-मोटे कामों के लिए अब दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, ये काम पहले पार्षद ही करते थे।