प्रतिभा चौहान/ट्रिन्यू
शिमला, 24 अप्रैल
कांग्रेस भले ही हिमाचल प्रदेश में दो लोकसभा क्षेत्रों और विधानसभा उपचुनाव के लिए छह सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने में लगी हो, लेकिन भाजपा के बागियों को मैदान में उतारने के मुद्दे पर पार्टी में असमंजस बना हुआ है।
भाजपा के पूर्व मंत्री राम लाल मारकंडा, गगरेट से तीन बार के पूर्व विधायक राकेश कालिया और 2022 के चुनावों में भाजपा के सुजानपुर से उम्मीदवार रणजीत सिंह के नाम कांग्रेस द्वारा लाहौल-स्पीति, गगरेट (ऊना) और सुजानपुर (हमीरपुर) सीटों से बतौर प्रत्याशी लिया जा रहा है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि राज्य नेतृत्व का एक वर्ग भाजपा के बागियों को मैदान में उतारने का विरोध कर रहा है क्योंकि इससे पार्टी कैडर का मनोबल गिरेगा।
मारकंडा और कालिया के नामांकन की पूरी संभावना जताई जा रही है। कालिया और रणजीत सिंह पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रिया और सर्वेक्षणों से संकेत मिला है कि ये तीनों नेता अपनी-अपनी सीटों पर मजबूत हैं। उधर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार को दिल्ली चले गए, लेकिन टिकट फाइनल होने में तीन-चार दिन और लगने की संभावना है। सुक्खू ने कांगड़ा के गग्गल हवाई अड्डे पर कहा, ‘टिकट आवंटन पर हमारी चर्चा हो चुकी है। कांग्रेस नेता पहले से ही प्रचार कर रहे हैं, इसलिए यह कहना गलत है कि हम पिछड़ रहे हैं।’
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने अपने दो मौजूदा विधायकों विक्रमादित्य सिंह को मंडी से और विनोद सुल्तानपुरी को शिमला लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है, लेकिन हमीरपुर और कांगड़ा से उम्मीदवारों का नाम अभी तय नहीं हुआ है। पार्टी हाईकमान हमीरपुर और कांगड़ा से मजबूत उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। हालांकि कांगड़ा जिले से पहली बार नगरोटा के विधायक बने रघुबीर सिंह बाली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर उनकी उम्मीदवारी पर निर्णय लेने से पहले उनसे परामर्श करने को कहा है, लेकिन उनके मैदान में उतरने की संभावना अभी बनी हुई है। हमीरपुर सीट के लिए ऊना के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की बेटी आस्था अग्निहोत्री के नाम पर विचार चल रहा है।