बारिश, भूस्खलन और लापरवाही से बिगड़े हालात
हिमाचल प्रदेश की पवित्र मणिमहेश यात्रा इस बार भारी बारिश और भूस्खलन के कारण संकट में आ गई है। खराब मौसम से हजारों श्रद्धालु फँस गए हैं और बादल फटने की आशंका ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
हिमाचल पुलिस ने “ऑपरेशन हौसला” के तहत अब तक 2,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है। प्रशासन का अनुमान है कि भरमौर से चंबा तक करीब 8 से 9 हजार यात्री पैदल यात्रा कर रहे हैं। वहीं, भरमौर क्षेत्र में लगभग 2,000 साइकिलें, 250 हल्के वाहन और 60-70 बसें/ट्रक फंसे हुए हैं। हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने राहत कार्य में बड़ी भूमिका निभाई है। निगम ने 102 बसों के जरिये 4,378 यात्रियों को चंबा से पठानकोट और कांगड़ा तक निःशुल्क पहुँचाया है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आश्वासन दिया है कि जब तक सभी यात्री सुरक्षित घर नहीं लौटते, यह सेवा जारी रहेगी। हडसर और आसपास के इलाकों में हालात खराब हैं। चार दिन से मोबाइल और इंटरनेट सेवाएँ बंद हैं। डल झील के पास फैला कचरा, शराब की बोतलें और प्लास्टिक कचरा यह दिखाता है कि यात्रा की पवित्रता और पर्यावरण की अनदेखी हो रही है। सवाल उठ रहा है कि इतने संवेदनशील क्षेत्र में प्रतिबंधित वस्तुएँ कैसे पहुँच रही हैं।