ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 11 जनवरी
हिमाचल प्रदेश में लगभग एक सप्ताह तक हुई बर्फबारी का दौर थमने के बाद अब शीतलहर और अधिक सितम ढाहने लगी है। मौसम के खुलते ही प्रदेश में शीतलहर और प्रचंड हो गई है। इससे आम लोगों का जीवन और कठिन हो गया है। जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में बीती रात इस मौसम की सबसे सर्द रात रही और लाहौल स्पीति जिला मुख्यालय केलांग का तापमान -21 डिग्री तक गिर गया। जिले के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान -25 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है जिससे लाहौल स्पीति में सब कुछ जम गया है। हालत यह है कि पानी की पाइपों से लेकर पेयजल स्रोत स्थल तक तो बर्फ बने ही हैं लेकिन अब लाहौल स्पीति की सबसे बड़ी नदियां चंद्र-भागा भी पूरी तरह जम गई हैं। इसके चलते लाहौल स्पिति में लोगों को खून जमा देने वाली सर्दी के साथ-साथ जबरदस्त पेयजल संकट का भी सामना करना पड़ रहा है।
अत्यधिक ठंड के चलते जिले में जनजीवन पूरी तरह से थमा हुआ है। हालांकि इस सबके बावजूद सीमा सड़क संगठन मनाली-केलांग सड़क से बर्फ हटाने में जुटा है लेकिन फिलहाल जिले में सड़कों पर अत्यधिक फिसलन होने के कारण वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जा रही है। राज्य के अन्य हिस्सों में भी लोगों को जबरदस्त शीतलहर का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में आज सात शहरों का तापमान जमाव बिंदु से नीचे दर्ज किया गया। कल्पा में न्यूनतम तापमान -8, मनाली में -3.8, कुफरी में -3, डलहौजी में -1.2, भुंतर में -0.1, सोलन में 0.8, सुंदरनगर में 1.7, शिमला में 2.2 और धर्मशाला में 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बीते 24 घंटों के दौरान कल्पा में 24.2, सांगला 7.5, पूह में 6, मुरंग में 5.1, गोंदला में 4 और मनाली में 2.1 सेंटीमीटर ताजा बर्फबारी दर्ज की गई। मौसम विभाग ने आज राज्य के मध्यम व अधिक ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर वर्षा और बर्फबारी की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार 13 जनवरी तक राज्य के मैदानी व कम ऊंचाई वाले इलाकों में घना कोहरा छाये रहने की संभावना है। विभाग के अनुसार 12 से 15 जनवरी तक प्रदेश में मौसम पूरी तरह साफ बना रहेगा।
रुक-रुक कर हो रहा हिमपात
आज दोपहर बाद से शिमला व सिरमौर जिला के ऊपरी क्षेत्र चूड़धार व चांसल की चोटियों पर रुक-रुक कर हिमपात हो रहा है। इधर राजधानी शिमला सहित जिले के ऊपरी इलाकों में जनजीवन अभी भी पटरी पर नहीं लौट पाया है। राजधानी शिमला में सड़कों पर अत्यधिक फिसलन के चलते विक्ट्री टनल से संजौली और ढली के लिए यातायात अभी भी शुरू नहीं हो पाया है जबकि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला तक पहुंचने में भी लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शिमला जिला के ऊपरी हिस्सों में सड़कों पर अत्यधिक फिसलन होने के चलते यातायात बुरी तरह प्रभावित है और लोगों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। प्रदेश में अभी भी बर्फबारी के कारण 500 से अधिक सड़कें और 200 से अधिक पेयजल योजनाएं बंद हैं जबकि 1500 से अधिक ट्रांसफार्मर भी बंद पड़े हैं। बिजली विभाग बर्फबारी के कारण बंद ट्रांसफार्मरों को खोलने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है।