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सीएम सुक्खू का होटलों को आउटसोर्स करने पर यू टर्न

शिमला, 12 जुलाई (हप्र) हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम एचपीटीडीसी के 14 होटल को निजी हाथों में सौंपने के अपने ही फैसले पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यू टर्न ले लिया है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने निगम के कर्मचारियों को...
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शिमला, 12 जुलाई (हप्र)

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हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम एचपीटीडीसी के 14 होटल को निजी हाथों में सौंपने के अपने ही फैसले पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यू टर्न ले लिया है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने निगम के कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि सरकार इस विषय को गंभीरता से ले रही है। निगम के मुनाफे में चल रहे होटलों को लेकर पुनर्विचार किया जाएगा। साथ ही उन्होंने इस विषय में विस्तृत चर्चा के लिए संघ के प्रतिनिधियों को अगले वीरवार को बातचीत के लिए बुलाया है। मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन आज उनसे मिलने गए पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल को दिया।

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली द्वारा बीते दिनों आयोजित एक पत्रकार वार्ता का भी हवाला दिया और कहा कि बाली भी निजीकरण के पक्ष में नहीं है। सुक्खू ने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा निगम को मजबूत करने की है न कि उसे निजी हाथों में सौंपने की।

निगम के कर्मचारियों ने भी खोला था मोर्चा

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के 14 होटलों को निजी हाथों में देने की सुक्खू सरकार की योजना पर निगम के अध्यक्ष आरएस बाली के बाद अब निगम के कर्मचारी भी भड़क गए थे। इस फैसले का विरोध करते हुए पर्यटन निगम कर्मचारी संघ ने सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी थी। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री और पर्यटन निगम अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपकर फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी। पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हुकम राम ने कहा कि निगम के जिन 14 होटलों को आउटसोर्सिंग पर देने की तैयारी की जा रही है, वे सभी लाभ में चल रहे हैं। यदि इन्हें निजी हाथों में सौंपा गया तो निगम को भारी नुकसान होगा और कर्मचारियों का मनोबल टूटेगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात हुई है और उन्होंने सकारात्मक आश्वासन दिया है। दूसरी ओर, पर्यटन निगम कर्मचारी महासंघ के महासचिव राजकुमार ने भी सरकार के इस निर्णय को गलत करार देते हुए कहा कि निजीकरण से न केवल निगम कमजोर होगा बल्कि पर्यटन सेवाओं की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने सरकार से इन होटलों का दोबारा आकलन करने और फैसला वापस लेने की मांग की।

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