शिमला/मंडी, 6 फरवरी (निस)
हिमाचल प्रदेश में जल्द ही रोपवे का जाल बिछेगा। प्रदेश सरकार ने राज्य में जल्द ही चार रोपवे को मूर्त रूप देने की तैयारी कर ली है। इनमें से तीन रोपवे की डीपीआर भी तैयार कर ली गई है जबकि चौथे रोपवे की डीपीआर बनाने की प्रक्रिया जारी है। इन रोपवे में कुल्लू जिला में बिजली महादेव, चंबा के भरमौर में माता भरमाणी मंदिर रोपवे, पालमपुर में छूंजा ग्लेशियर रोपवे और सिरमौर में शिरगुल रोपवे शामिल है। ये चारों रोपवे पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में फिलहाल धर्मशाला, शिमला, सोलंगनाला और परवाणू में ही चार रोपवे हैं और ये सभी रोप वे पर्यटकों को खूब रास आ रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज अपने चुनाव क्षेत्र सराज में पंडोह से माता बगलामुखी के लिए रोपवे का शिलान्यास किया।
इस रोपवे की लम्बाई 800 मीटर होगी और इस पर 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ये प्रदेश का ऐसा पहला रोपवे है जो ग्रामीण क्षेत्र में बनने जा रहा है और इसे बनाने के लिए नाबार्ड ने वित्त पोषण के लिए हामी भरी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बाखली में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस रोपवे का निर्माण 50 करोड़ रुपये की लागत से एक वर्ष के भीतर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस रोपवे का निर्माण मै. डोपेलमायर इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड और बेकम इंफ्रा लिमिटेड द्वारा एरियल ट्राम वे-तकनीक और इंजीनियरिंग के सीईएन मानकों और निर्माण आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस रोपवे के एक हिस्से का निर्माण द्रंग विधानसभा क्षेत्र और दूसरे हिस्से का निर्माण सराज विधानसभा क्षेत्र में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीपीपी आधार पर रोपवे परियोजनाओं के लिए केन्द्र व राज्य सरकार में 90:10 के अनुपात की लागत वहन करने के लिए उच्चतर वीजीएफ प्राप्त करने का मामला केन्द्र सरकार के समक्ष उठाया गया है।
भरमौर से भरमाणी तक बनेगा रोपवे
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केन्द्र को वित्तपोषण के लिए चार रोपवे भी नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को भेजे हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से चम्बा जिले के भरमौर से भरमाणी माता मन्दिर तक 120 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले रोपवे की डीपीआर तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कांगड़ा जिले में 605 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला पालमपुर-थातरी-चैगान, जिला कुल्लू में 200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला बिजली महादेव और जिला सिरमौर के शिरगुल महादेव मन्दिर से चूड़धार तक रोपवे शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नई राहे नई मंजिलें’ योजना के अन्तर्गत नए पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लारजी, पौंग डैम और कोल डैम को जलक्रीड़ा गंतव्य, बीड़ बिलिंग को साहसिक खेल गंतव्य और चांसल को शीतकालीन खेल गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने मंडी जिला के पण्डोह में इन्डस्ट्रियल इस्टेट पंडोह प्रथम चरण का भूमि पूजन भी किया। उन्होंने कहा कि यहां लगभग 30-35 शैड बनाए जाएंगे, जिसमें मुख्य रूप से हथकरघा और फैशन डिजाइन को प्राथमिकता दी जाएगी।