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शिमला में सड़क धंसने से फंसी बस, गड्ढे में गिरी छात्रा

डीसी ने फोरलेन निर्माण कार्य पर लगाई रोक, जांच के आदेश
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शिमला के भट्टाकुफर चौक पर शनिवार सुबह उस वक्त एक बड़ा हादसा टल गया, जब अचानक सड़क धंसने से एचआरटीसी की एक बस का अगला टायर गड्ढे में समा गया। बस में चढ़ रही आठवीं कक्षा की छात्रा उसी गड्ढे में गिर गई। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत बच्ची को रस्सी की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस घटना ने क्षेत्र में फोरलेन निर्माण एवं टनलिंग कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।उपायुक्त अनुपम कश्यप और एसपी संजीव कुमार गांधी ने स्थिति का जायजा लिया। डीसी ने बताया कि जिस स्थान पर यह हादसा हुआ है, उसके पास ही फोरलेन टनल का निर्माण कार्य चल रहा है और प्राथमिक दृष्टि में टनलिंग का प्रभाव सड़क धंसने की वजह माना जा रहा है।

डीसी ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कानून एवं व्यवस्था और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को संयुक्त तौर पर टनलिंग कार्य की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन ने घटना को संभावित आपदा बताते हुए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को जानकारी भेज दी है।

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निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों ने अधिकारियों को बताया कि पिछले कुछ दिनों से उनके घरों में दरारें आनी शुरू हो गई हैं। प्रशासन ने प्रभावित मकानों का निरीक्षण किया, जिनमें स्पष्ट रूप से दरारें पाई गईं। उपयुक्त ने कहा कि सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी हालत में लोगों की जानमाल से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। इसी को देखते हुए फोरलेन निर्माण कार्य कर रही कंपनी को आगामी आदेशों तक काम रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि भट्टाकुफर में एनएचएआई की टनलिंग के कारण सड़क धंसना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी टनलिंग की वजह से एक स्थानीय महिला का मकान गिर चुका है, जिसके लिए पांच करोड़ रुपये मुआवजे की बात कही गई थी, लेकिन आज तक मुआवजा नहीं मिला। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ तो बड़ा हादसा हो सकता है।

 

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