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हिमाचल डीए के मुद्दे पर भाजपा का वाकआउट

हिमाचल प्रदेश के सवा दो लाख से अधिक सेवारत कर्मचारियों और 1.90 लाख से अधिक पेंशनरों को डीए के मुद्दे पर विपक्षी दल भाजपा का साथ मिल गया है। प्रदेश भाजपा के विधायकों ने आज इस मुद्दे को प्रदेश विधानसभा...
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हिमाचल प्रदेश के सवा दो लाख से अधिक सेवारत कर्मचारियों और 1.90 लाख से अधिक पेंशनरों को डीए के मुद्दे पर विपक्षी दल भाजपा का साथ मिल गया है। प्रदेश भाजपा के विधायकों ने आज इस मुद्दे को प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान प्रश्न काल में जोर-जोर से उठाया और पहले सदन में भारी हंगामा तथा नारेबाजी की और बाद में पूरा विपक्ष सदन से उठकर बाहर चला गया। इससे पहले, प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी दल भाजपा के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने इस संबंध में सवाल किया। उन्होंने कहा कि डीए की देनदारी 11 फीसदी की हो गई है और पूछा कि सरकार इसे कब तक जारी करेगी। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि डीए देना सरकार की जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि तुरंत प्रभाव से इसे जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि वित्तीय हालात सुधरते ही लंबित डीए जारी कर दिया जाएगा।

विधायक बिक्रम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में पढ़ा था कि मई माह में डीए की किस्त दे दी जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने बजट में ही नहीं, सवाल के जवाब में भी कहा है कि बजट घोषणा के मुताबिक डीए दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ओपीएस देने के बाद केंद्र सरकार ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस को सत्ता में लाने में कर्मचारियों का अहम योगदान रहा है। इस बीच, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए वैल में आ गए, फिर वहां नारेबाजी करने के बाद सदन से बाहर चले गए।

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