हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों में हिमस्खलन का खतरा बरकरार
शिमला, 4 मार्च (हप्र)
देश के मैदानी इलाकों में इन दिनों मौसम भले ही काफी सुहावना बना हुआ है और लोग गुनगुनी धूप का आनंद ले रहे हैं लेकिन हिमाचल में अभी भी लोगों को ठिठुरन का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में पिछले कई दिनों से रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी और वर्षा के चलते राज्य में कंपकंपी का दौर जारी है। जनजातीय क्षेत्रों में अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है और लोगों को अभी भी पानी की पाइपें जम जाने का सामना करना पड़ रहा है जिससे पेयजल संकट भी झेलना पड़ रहा है। लाहौल स्पीति का कुकमसेरी आज प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान माइनस 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में हो रही ताजा बर्फबारी के चलते हिमस्खलन का खतरा भी बना हुआ है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार और मौसम विभाग ने स्थानीय लोगों को हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने और एहतियात बरताने की सलाह दी है।
प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान व्यापक रूप से वर्षा हुई और बर्फबारी का सिलसिला भी जारी रहा। आज राज्य के चंबा, लाहौल स्पीति और किन्नौर और शिमला व मंडी जिला के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों तथा धौलाधार पहाड़ियों पर बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा जबकि राजस्थानी शिमला सहित प्रदेश के अन्य इलाकों में हल्की वर्षा हुई। जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में बीते एक सप्ताह के दौरान तीन फुट से साढ़े छह फुट तक बर्फ गिर चुकी है। जिले की करीब 70 फीसदी आबादी एक सप्ताह से बिजली की सुविधा से महरूम है। एसडीएम केलांग रजनीश शर्मा ने स्थानीय लोगों व सैलानियों को जहां पर है वहीं पर सुरक्षित रहने की सलाह दी है। इधर शिमला जिला के नारकंडा में हो रही ताजा बर्फबारी के कारण शिमला से वाया नारकंडा होकर किन्नौर जाने वाली सड़क यातायात के लिए अवरुद्ध है। शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप के अनुसार किन्नौर की ओर जाने वाले यातायात को वाया बसंतपुर होकर भेजा जा रहा है और किन्नौर से शिमला की ओर आने वाले वाहनों को भी इसी सड़क से चलाया जा रहा है। हालांकि जिले में बाकी सभी सड़कें यातायात के लिए खुली हैं। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 5 से 8 मार्च तक मौसम के साफ बने रहने की संभावना है। 9 मार्च से राज्य में एक बार फिर वर्षा और बर्फबारी लौट सकती है।
डीएसपी बर्फ में 5 किलीमीटर पैदल चल पहुंचे ड्यूटी ज्वाइन करने
लाहौल स्पीति जिला के डीएसपी केलांग दिखाते राजकुमार कुछ दिन पहले छुट्टी पर घर गए हुए थे और छुट्टी समाप्त होते ही लाहौल जाने के लिए मनाली पहुंचे। परंतु भारी बर्फबारी के चलते सड़क बहाल न होने के कारण उन्होंने पैदल ही जाने का फैसला किया और लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलते हुए बीती रात सिस्सू पहुंचे। उनकी इस कर्तव्य निष्ठा में पुलिस कर्मियों संजय और मनोज ने भी साथ निभाया।
हर 15 किलोमीटर पर एनएच और लोनिवि चंबा को मशीनरी लगाने के निर्देश
चंबा (निस) : जिला चंबा में बर्फबारी और बारिश से हुए नुकसान पर जिला प्रशासन द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। जिसमें यदि मार्गों की बात की जाएं तो हर 15 किलोमीटर पर एनएच और लोनिवि चंबा को मशीनरी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल ने जिला चंबा में बर्फबारी व बारिश से प्रभावित क्षेत्रों के संदर्भ में दी। मीडिया से बातचीत करते हुए उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल ने बताया कि जिला चंबा में मुख्य 76 मार्ग बंद थे जिनमें से अधिकांश मार्ग खोल लिए गए हैं। चंबा-डलहौजी-खजियार मार्ग लक्कड़मंडी से बंद है। चंबा-जोत मार्ग आवागमन के लिए खोल दिया गया है। लेकिन कई प्वाइंट पर स्टोन शूटिंग और भूस्खलन हो रहा है। जिसके लिए लोगों को सुझाव दिया जा रहा है कि वह अभी चंबा जोत मार्ग पर सफर करने की बजाय बाया बनीखेत मार्ग का इस्तेमाल करें। उन्होंने बताया कि पांगी क्षेत्र में 4 से 5 फुट बर्फबारी के कारण अभी बंद है। उन्होंने कहा कि बर्फबारी और बारिश से बोर्ड की परीक्षाएं विशेष रूप से पांगी में प्रश्न और उत्तर पुस्तिका न पहुंचने के कारण परीक्षाएं नौ मार्च तक की स्थगित कर दी है। जिसके लिए आगामी डेट शीट जल्द जारी होगी।