प्रतिभा चौहान/ट्रिन्यू
शिमला, 25 अप्रैल
सैन्य अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में 450 मेगावाट की शोंग टोंग जल विद्युत परियोजना के लिए सुरंग बनाने के काम में किए जा रहे विस्फोट पर आपत्ति जताई है। इससे पास में स्थित सैन्य गोला-बारूद डिपो के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
सुरंग के निर्माण के लिए लगातार विस्फोट के बाद सैन्य अधिकारियों ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर काम तुरंत रोकने की मांग की है। यह क्षेत्र चीन के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा के करीब है। किन्नौर में सतलुज नदी पर स्थित 450 मेगावाट की शोंग टोंग परियोजना राज्य सरकार के स्वामित्व वाली हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन द्वारा क्रियान्वित की जा रही नदी परियोजना है। पिछले महीने 12 मार्च को सेना की ओर से पत्र लिखा गया था, जबकि एचपीपीसी ने 18 मार्च को विस्फोट के आरोपों से इनकार किया।
शोंग टोंग परियोजना के चालू होने में देरी हुई है क्योंकि निर्माण कार्य के लिए निविदाओं को 2012 में अंतिम रूप दिया गया था। राज्य सरकार चाहती है कि परियोजना पर काम तेजी से किया जाए ताकि उसे बिजली उत्पादन से आवश्यक राजस्व प्राप्त हो सके। परियोजना पूर्ण होने पर हिमाचल को लगभग 1400 मिलियन यूनिट बिजली मिलेगी। उधर, स्थानीय ग्रामीण पिछले कई वर्षों से गोला-बारूद डिपो को स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं।
मुख्य सचिव ने दोनों का पक्ष मांगा
सैन्य अधिकारियों की शिकायत के बाद मुख्य सचिव ने दोनों पक्षों से तथ्यों के साथ उनका पक्ष मांगा है। सेना ने पहले भी अपने गोला-बारूद डिपो के निकट होने का हवाला देते हुए जल विद्युत परियोजना पर आपत्ति जताई थी, जो रणनीतिक दृष्टिकोण से आवश्यक थी। परियोजना की स्थापना के लिए मंजूरी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दी गई है, इसलिए इस मुद्दे को हिमाचल द्वारा केंद्र के साथ उठाए जाने की संभावना है।