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हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका, सुनवाई 15 सितंबर को

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में हिमाचल पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (एचपीटीडीसी) के कॉर्पोरेट कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने की अधिसूचना को रद्द करने की मांग को लेकर एक और याचिका दायर की गई है। मामले की सुनवाई के दौरान...
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में हिमाचल पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (एचपीटीडीसी) के कॉर्पोरेट कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने की अधिसूचना को रद्द करने की मांग को लेकर एक और याचिका दायर की गई है। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता दाबे राम ने जनहित याचिका दायर करने में अपनी नेकनीयती दर्शाने के लिए उपयुक्त राशि जमानत के तौर पर जमा करवाने के लिए समय की मांग की। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने प्रार्थी की मांग को स्वीकारते हुए सुनवाई 15 सितंबर को निर्धारित करने के आदेश जारी किए। प्रार्थी का कहना है कि वह हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम लिमिटेड का एक सेवानिवृत्त कर्मचारी है और पंजीकृत कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष भी रहा है। प्रार्थी का कहना है कि वह एचपीटीडीसी मुख्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित होने से पीड़ित व्यक्तियों के पक्ष में अपना पक्ष रखना चाहते हैं।

उल्लेखनीय है कि इसी मुद्दे को लेकर एक अन्य जनहित याचिका में हाईकोर्ट ने मुख्यालय धर्मशाला शिफ्ट करने के आदेश पर स्थगन आदेश पारित करने से मना कर किया था। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की अधिसूचना के अनुसार, यह निर्णय जनहित में तत्काल प्रभाव से लागू होगा। अभी तक यह कार्यालय शिमला के रिट्ज़ एनेक्सी भवन में स्थित था। अब इसे धर्मशाला के कांगड़ा जिले में होटल कश्मीर हाउस की बिल्डिंग में अस्थाई तौर पर शिफ्ट किया जाएगा। जब तक भविष्य में स्थायी व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक कार्यालय यहीं से संचालित होगा।

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