प्रेम राज काश्यप/निस
रामपुर बुशहर, 25 जून
एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने आज अंतिम विस्फोट संपन्न करके 210 मेगावाट की लूहरी चरण-1 जल विद्युत परियोजना के नदी डायवर्जन का उद्घाटन किया। शर्मा ने इस दौरान पेनस्टॉक के निर्माण का आरंभ तथा डायवर्जन टनल गेट्स के निर्माण कार्यों का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर एसपी बंसल निदेशक (सिविल),आरएल नेगी परियोजना प्रमुख लूहरी,रवि चंद्र नेगी परियोजना प्रमुख आरएचपीएस बायल एवम एनजेएचपीएस झाकड़ी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि 617 मीटर लंबी डायवर्जन टनल का पूर्ण होना परियोजना के लिए एक अति महत्वपूर्ण उपलब्धि है। शर्मा ने कहा कि, “सतलुज नदी के पानी को मोड़ने के बाद अब कॉफ़र डैम के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा” और परियोजना को लक्ष्य के अनुरूप चालू करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा”। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 210 मेगावाट लूहरी स्टेज -1 जलविद्युत परियोजना की आधारशिला 27 दिसंबर,2021 को रखी थी।
नन्द लाल शर्मा ने इस दौरान नदी के दाहिने किनारे पर डैम,पावर हाउस और टेलरेस व्यवस्था के लिए चल रहे स्ट्रिपिंग कार्यों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के डायवर्जन कार्यों की भी विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने बताया कि नेशनल हाईवे डायवर्जन का कार्य अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।इसके साथ ही नदी के बाएं किनारे पर डैम का निर्माण कार्य भी आरंभ हो जाएगा। शर्मा ने कर्मचारियों से सभी कंपोनेटों के निर्माण गतिविधियों को समय पर पूरा करने के लिए पूर्ण समर्पण और टीम भावना से कार्य करने का आग्रह किया।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि लूहरी चरण-1 जल विद्युत परियोजना की अनुमानित लागत 1810 करोड़ रुपए है और इसके पूरा होने पर सालाना 758 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होगा। इस परियोजना से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में सालाना 6.1 लाख टन की भी कमी आएगी। उन्होंने आगे बताया कि लूहरी -1 परियोजना सामुदायिक संपत्ति सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास एवं लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के साथ-साथ क्षेत्र के विकास में योगदान दे रही है। परियोजना के आसपास के क्षेत्र में कारपोरेट सामाजिक दायित्व संबंधी विभिन्न कार्यों को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जा रहा है जिससे इस क्षेत्र सहित हिमाचल प्रदेश का कायाकल्प करने में यह परियोजना विशेषतया प्रभावी भूमिका अदा कर रही है। शर्मा ने 84 मी. लंबे स्टील ट्रस ब्रिज के निर्माण गतिविधियों का भी जायजा लिया। इस ब्रिज के बनने से परियोजना संबंधी निर्माण गतिविधियों में सुगमता आएगी और कुल्लू और शिमला जिले की जनता के लिए यह बेहद फायदेमंद रहेगा।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि वर्तमान में एसजेवीएन के पास 31500 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है। कंपनी भारत, नेपाल और भूटान में नवीकरणीय ऊर्जा के दोहन पर फोकस करने के साथ-साथ कई परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही है।