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70,000 पर्यटक और 15,000 पर्यटक वाहन निकाले

हिमाचल में राहत एवं बचाव अभियान संपन्न

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शिमला, 15 जुलाई (निस)

हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण आई प्राकृतिक आपदा में फंसे लोगों और पर्यटकों को निकालने का अभियान खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में राहत व बचाव अभियान पूरा होने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लगभग 70000 पर्यटकों को सुरक्षित प्रदेश से बाहर भेज दिया है और अब लगभग 500 पर्यटक ही हिमाचल प्रदेश में स्वेच्छा से रुके हैं। उन्हें खाने पीने का सामान और अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पर्यटकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बड़े पैमाने पर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव कार्य आरंभ किए गए और सभी के सहयोग से इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश से लगभग 15000 पर्यटक गाड़ियों को सुरक्षित वापस भेजा गया है। उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी और मोबाइल सेवाओं को आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाकी क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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कुल्लू की लग घाटी में फटा बादल

इस बीच, कुल्लू ज़िला की लग घाटी में आज बादल फटने की एक घटना में छोरप पुल के पास दो मकान और पांच गौशालाएं बह गईं। कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि इस घटना में किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ है। उधर, स्पीति घाटी के खुलासका गांव के साथ लगते नाले में बीती रात अचानक पानी का स्तर बढ़ जाने से 7 घर क्षतिग्रस्त हो गए। एडीसी राहुल जैन ने कहा कि सभी घरों के 43 सदस्यों को सुरक्षित निकालकर पंचायत घर में ठहराया गया है।

भारी वर्षा का क्रम जारी

प्रदेश में मॉनसून की व्यापक से भारी वर्षा का क्रम लगातार जारी है। बीते 24 घंटों के दौरान धर्मशाला में सर्वाधिक 131 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने 17 जुलाई तक राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

पटरी पर लौटने लगी ज़िंदगी

हिमाचल प्रदेश मेें 7 जुलाई से 11 जुलाई तक हुई भारी वर्षा से आई प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेश में जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। हालांकि अभी भी राज्य में 700 अधिक सड़कें बंद हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में बिजली के ट्रांसफार्मर और पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हैं। इस बीच, 8 जुलाई से भारी भूस्खलन के कारण बंद मंडी-कुल्लू-मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग को आज दोपहर यातायात के लिए खोल दिया गया। फिलहाल इस सड़क को एकतरफा यातायात के लिए ही खोला गया है और बारी-बारी से मंडी और कुल्लू के बीच ट्रैफिक को भेजा जा रहा है। इस सड़क पर मंडी से सुंदरनगर के बीच 500 से अधिक भारी वाहन और इतनी बड़ी संख्या में ही कुल्लू ओर भी वाहन फंसे हुए थे।

8000 करोड़ के नुकसान का अनुमान

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आपदा बहुत बड़ी है और बाढ़ तथा भारी बारिश से राज्य में लगभग 8000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य सरकार की उदारता के साथ मदद करने का आग्रह किया।

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