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दो हफ्तों में 43 की मौत, 37 लापता

शिमला, 4 जुलाई (एजेंसी) हिमाचल प्रदेश में 20 जून से सक्रिय मानसून अब तक जानलेवा साबित हुआ है। बीते दो सप्ताह में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 43 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि...
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शिमला, 4 जुलाई (एजेंसी)

हिमाचल प्रदेश में 20 जून से सक्रिय मानसून अब तक जानलेवा साबित हुआ है। बीते दो सप्ताह में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 43 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 37 लोग अब भी लापता हैं।

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आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, सबसे अधिक मौतें मंडी जिले में हुई हैं जहां मंगलवार को 10 अलग-अलग घटनाओं ने भारी तबाही मचाई। मंडी से ही 31 लोग लापता बताए गए हैं। एनडीआरएफ ने मंडी के भारद, देजी, पयाला और रुकचुई गांवों से 65 लोगों को सुरक्षित निकाला है। प्रदेश में अब तक 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है। 150 से ज्यादा घर, 106 मवेशी शेड, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि 164 मवेशी मारे गए हैं। 348 लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है। राज्य में 280 सड़कें, 332 ट्रांसफार्मर और 784 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं। मौसम विभाग ने 6 से 9 जुलाई तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

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