हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण 400 सड़के बंद
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को भारी बारिश हुई, जिससे कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 400 सड़कें बंद हो गईं। अधिकारियों ने कहा कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। सतलुज नदी के कटाव और भूस्खलन के कारण शिमला जिले के सुन्नी इलाके में तत्तापानी के पास शिमला-मंडी सड़क बंद कर दी गई है। सड़क की चौड़ाई कम होकर 1.5 मीटर हो गई है जिसके कारण सड़क वाहनों की आवाजाही के लिए खतरनाक हो गयी है। थाली पुल से होकर गुजरने वाला वैकल्पिक मार्ग भी बंद है, जिससे करसोग का शिमला से संपर्क टूट गया है। खबरों के अनुसार, कुल्लू जिले में पागल नाला के पास ओट-लारगी-सैंज सड़क पर भारी भूस्खलन के बाद लगभग 15 गांवों का सड़क संपर्क टूट गया। रविवार शाम से धौलाकुआं में 113 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि जोत में 70.8 मिमी, मालरांव में 70 मिमी, पालमपुर में 58.7 मिमी, जत्तन बैराज में 49.4 मिमी, पांवटा साहिब में 40.6 मिमी, मुरारी देवी में 33 मिमी, गोहर में 32 मिमी, नाहन में 30.1 मिमी, सराहन में 28.5 मिमी और धर्मशाला में 24.7 मिमी बारिश हुई। सुंदरनगर और मुरारी देवी में गरज चमक के साथ बारिश हुई, जबकि ताबो रिकांगपिओ और कुफरी में 37 से 44 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलीं। स्थानीय मौसम विभाग कार्यालय ने 21 अगस्त को छोड़कर 24 अगस्त तक राज्य में अगल-अलग जगहों पर भारी बारिश का ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 3 (मंडी-धरमपुर मार्ग), राष्ट्रीय राजमार्ग 305 (औट-सैंज मार्ग) और राष्ट्रीय राजमार्ग 505 (खाब से ग्रामफू) सहित कुल 400 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, इनमें से 192 सड़कें मंडी जिले में और 86 निकटवर्ती कुल्लू में स्थित हैं। मौसम विभाग के अनुसार 883 बिजली आपूर्ति ट्रांसफर्मर और 122 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक राज्य को बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण कुल 2,173 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अब तक 74 अचानक बाढ़, बादल फटने की 36 और बड़ी भूस्खलन की 66 घटनाओं में करीब 136 लोगों की मौत हो गई और 37 लापता हैं।