धर्मशाला, 21 मई (निस)
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश में 43 हजार फर्जी डिग्रियां बिकने का कलंक अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। 43 हजार डिग्रियां करोड़ों रूपये में बिकी। हिमाचल में भी हजारों लोगों ने डिग्रियां खरीदी। कई साल तक यह घोटाला होता रहा। हैरानी की बात यह है कि पुलिस और सरकार को इसका पता ही नहीं लगा। उन्होंने कहा कि हजारों लोगों ने डिग्रियां खरीदी। पुलिस में गुप्तचर विभाग का यही काम होता है कि इस प्रकार के होने वाले अपराध का पता करें।
शांता कुमार ने कहा कि इस मामले में नाकाम रहने वाले उस समय के पुलिस गुप्तचर विभाग के प्रमुख को भी अपराधी बनाया जाना चाहिए। इस विभाग के पास लाखों रूपये इसी काम के लिए होते हैं। विभाग में सैकड़ों कर्मचारी होते हैं। वह भी बराबर के अपराधी हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को छुपाना भी अपराध की श्रेणी में आता है।