बीबीएन (निस ) : नालागढ़ एचआरटीसी वर्कशाप में कार्यरत 40 पीस मील वर्करों ने मजदूर संघ की सदस्यता ग्रहण की है। इस मौके पर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजन वर्मा ने सरकार से मांग की है कि पीस मील आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए जल्द स्थाई नीति बनाई जाए। कोरोना काल में राज्य में 5 पीस मील वर्करों की कोविड-19 से मौत हुई है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इन अस्थाई वर्करों के परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। वर्तमान में लगभग 950 पीस मील कर्मचारी दिन-रात अपनी सेवाएं हिमाचल पथ परिवहन निगम में पिछले कई वर्षों से दे रहे हैं। हिमाचल परिवहन मजदूर संघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व परिवहन एवं उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर से मांग की है कि पीस मील कर्मचारियों की स्थाई तैनाती के लिए नीति बनाई जाए। संघ ने यह भी मांग की है कि चालकों व परिचालकों के लंबित ओवरटाइम व रात्रि भत्ते का भी भुगतान किया जाए।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।