Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

पहले दिन 31 लेखकों ने लिया भाग, शांडिल ने दिखाई हरी झंडी

बाबा भलकू स्मृति कालका-शिमला रेल साहित्य यात्रा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

शिमला, 12 अप्रैल (हप्र)

हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच द्वारा भाषा और संस्कृति विभाग के सहयोग से लोकप्रिय बाबा भलकू स्मृति कालका शिमला साहित्य रेल यात्रा को आज शिमला से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने हर झंडी दिखाकर रवाना किया।

Advertisement

रेल यात्रा के आरम्भ होने से पहले बतौर मंत्री ने इस रेल यात्रा में देशभर से पधारे 31 लेखकों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि ने हिमालय मंच, विशेषकर एसआर हरनोट की बाबा भलकू और कामगारों की स्मृति में इस तरह की पहल की सराहना की और कहा कि भलकू एक निरक्षर दिव्य शक्तियों का मालिक मजदूर था जिसने शिमला से किन्नौर तक हिंदुस्तान-तिब्बत सड़क के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सतलुज पर कई पुलों को बनाने में मदद की।

बाद में जब अंग्रेज कालका-शिमला रेल के लिए पटरी के सर्वेक्षण में असफल हुए तो भलकू ने ही परवाणू से शिमला तक न केवल सर्वे किया बल्कि बड़ोग जैसी सर्वाधिक लंबी सुरंग के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई।

इस यात्रा का मुख्य आकर्षण चलती ट्रेन और बस में साहित्यिक गोष्ठियां हैं जिससे साहित्य को बढ़ावा मिलता है और कालका-शिमला रेलवे का प्रचार प्रसार भी होता है।

हिमालय साहित्य मंच के अध्यक्ष और प्रख्यात लेखक एस आर हरनोट ने कहा कि इस दो दिवसीय यात्रा में मुंबई, कानपुर, मध्य प्रदेश, फिरोजपुर, बिहार सहित हिमाचल के विभिन्न भागों से 31 लेखक भाग ले रहे हैं। लेखक शिमला से बड़ोग और बड़ोग से वापस रेल में ही कई साहित्यिक और संगीत गोष्ठियां आयोजित कर रहे हैं।

शनिवार को पहले सत्र में पिछली यात्रा में आई प्रख्यात लेखिका और पत्रकार रोमी अरोड़ा के निधन पर श्रद्धांजलि दी गई जिसमें उनके पतिदेव विख्यात कवि और रंगकर्मी राजेश अरोड़ा ने उनकी स्मृति में कविताएं पढ़ीं। डॉ. विजय लक्ष्मी, अंजू आनंद, डॉ. देव कन्या ठाकुर और हितेंद्र शर्मा ने अपने-अपने कविता संग्रहों गांव पूछता है, नजरबंद लम्हें, शारंग और संवाद में से रचनाओं का पाठ किया।

तीसरे सत्र में अतिथि कवियों के साथ स्थानीय लेखकों ने कविता और कहानी के पाठ किए। इसी प्रकार चौथा सत्र संगीत को समर्पित रहा जिसका संयोजन संगीतज्ञ सुनैनी शर्मा ने किया। लोक गायक ओम प्रकाश गर्ग ने जहां हिमाचली लोक गीतों से समां बांधा वहीं धार्मिक मंचों की जानी मानी गायिका सीमा गौतम ने कई भजन और दूसरे गीत गाकर लेखकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

Advertisement
×