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अंतर्राष्ट्रीय बागवानी मंडी में जीरो वेस्ट मॉडल पर होगा काम : नायब

गन्नौर पहुंचे मुख्यमंत्री, निर्माण कार्य की समीक्षा
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हरेंद्र रापड़िया/हप्र

गन्नौर (सोनीपत), 14 जुलाई

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को गन्नौर स्थित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय बागवानी फल व फूल मंडी का दौरा कर सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने मंडी प्रशासन, निर्माण कंपनी व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ इस महत्वाकांक्षी परियोजना की प्रगति की समीक्षा की और निर्माण कार्यों में तेजी लाने व परियोजना को तय समयावधि में पूर्ण करने के दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंडी का मॉडल पूरी तरह से जीरो वेस्ट आधारित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना न केवल हरियाणा के किसानों बल्कि देशभर के फल, सब्ज़ी, फूल, मछली, पोल्ट्री व डेयरी उत्पादकों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच दिलाने का सशक्त माध्यम बनेगी। इस मार्केट राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर स्थित होने की वजह से इसकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों से बेहतर कनेक्टिविटी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब 220 करोड़ रुपये की लागत से 544 एकड़ भूमि अधिग्रहण कर इस परियोजना की शुरुआत की गई थी जिसकी कुल लागत 2,595 करोड़ रुपये आंकी गई है। अब तक निर्माण कार्य का लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा पूरा किया जा चुका है और 689 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मंडी में 50 लाख वर्ग फीट का कवर एरिया होगा जिसकी क्षमता 20 लाख टन प्रतिवर्ष होगी। इसमें 14,907 कारों तथा 3,305 ट्रकों या ट्रॉलियों की पार्किंग की सुविधा होगी।

इस मौके पर सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, विधायक देवेंद्र कादियान, विधायक कृष्णा गहलावत, सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, सीएम के ओएसडी वीरेंद्र बढ़खालसा, मेयर राजीव जैन, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल, बागवानी मंडी कार्पोरेशन के मुख्य प्रशासक मुकुल कुमार, आईजी ममता सिंह, डीसी सुशील सारवान, भाजपा के वरिष्ठ नेता माईराम कौशिक, नगर निगम कमिश्नर हर्षित कुमार, एडीसी लक्षित सरीन व एसडीएम प्रवेश कादियान मौजूद रहे।

स्थापित करें सोलर प्लांट

मुख्यमंत्री ने मंडी में सौर ऊर्जा को लेकर आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने अवगत कराया कि परियोजना के अंतिम चरण में 28 मेगावाट सोलर ऊर्जा की व्यवस्था की गई है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षमता को और अधिक बढ़ाया जाए ताकि मंडी ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके। जहां सभी स्पेयर स्पेस मिले वहां पर सोलर उर्जा प्लांट लगाकर इसकी क्षमता को बढाएं।

रेनीवेल पेयजल आपूर्ति हो शुरू

मुख्यमंत्री ने रेनीवेल पेयजल आपूर्ति कार्य को शीघ्र आरंभ करने के निर्देश दिए ताकि मंडी में समय पर जल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त करने व मंडी से निकलने वाले वेस्ट वाटर का ट्रीटमेंट कर दोबारा उपयोग किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा किं मंडी में शेड के नीचे धुलाई के कार्य के लिए रेनीवेल के पानी की बजाय रिसाइकिल किए पानी के इस्तेमाल पर आधारित योजना पर काम करें। उन्होंने अधिकारियों को मंडी से निकलने वाले कचरे से भी बिजली व खाद तैयार करने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए।

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