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जान जोखिम में डाल नहर, नदियों में डुबकी लगा रहे युवक, कई गंवा चुके जान

विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रशासन से की घाटों, हादसे के प्वाइंटों पर चौकसी बढ़ाने की मांग
जगाधरी के बूडिया इलाके के गांव फतेहगढ़ के नजदीक सोमनदी में नहाते युवक। -निस
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जगाधरी, 30 मई (निस)

पिछले करीब डेढ़ माह से भीषण गर्मी पड़ रही है। चार-पांच दिन से तो पारा 45 पार चल रहा है। आसमान से बरस रही आग से राहत पाने के लिए लोग विशेषकर युवा जान जोखिम में डालकर यमुना नहर, यमुना नदी व सोमनदी में डुबकी लगा रहे हैं।

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इस सीजन में अब तक विभिन्न कारणों से एक दर्जन के करीब लोग डूबने से अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रशासन से डूबने वाले हादसे रोकने के लिए घाटों व हादसे के प्वाइंटों पर चौकसी बढ़ाने की मांग की है। पश्चिमी यमुना नहर, सोम व यमुना नदी में गर्मियों के दिनों में दोपहर व शाम के समय बड़ी संख्या में लोग विशेषकर युवा नहाने के लिए पहुंचते हैं। इनमें से कईयों को तैरना तक नहीं आता।

ऐसे में वह नहाते हुए गहराई में उतर जाते हैं।जानकारों की मानें तो हर वर्ष लगभग दर्जनों युवा नहाते हुए जान गंंवा बैठते हैं। कोई परिवार का इकलौता बेटा तो कोई इकलौता कमाने वाला होता है। जगाधरी इलाके के फतेपुर, दड़वा, अमादलपुर, बूडिया, दादूपुर के अलावा सोमनदी व यमुना नदी में भी डूबने की घटनाएं हो रही हैं। मार्च माह से अब तक कई लोग, विशेषकर युवा डूबने से काल का ग्रास बन चुके हैं।

पूर्व चेयरमैन मोहन गुर्जर बोले

पूर्व चेयरमैन मोहन गुर्जर का कहना है कि अभिभावकों को इसे लेकर सजग रहना चाहिए। इसके अलावा हादसों के मुख्य प्वाइंटों के आसपास दोपहर व शाम के समय पुलिस निगरानी बढ़ानी चाहिए। उनका कहना है कि मुख्य जगहों पर प्रशासन द्वारा आसपास के गांवों के लोगों का निगरानी पहरा लगाया जाना चाहिए। मोहन का कहना है कि इसे लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से ग्रामीणों के साथ मिला जाएगा।

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