यमुनानगर, 9 जुलाई (हप्र)
हिमाचल, उत्तराखंड में पहाड़ों पर हो रही वर्षा के चलते यमुना नदी, सोन नदी व पथराला नदियां उफान पर हैं। हथिनी कुंड बैराज पर यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते यमुना के साथ लगते निचले इलाके इलाकों के लोगों को यमुना से दूर रहने के लिए कहा गया है।
यमुना में 5 बजे एक लाख 90680 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। यह पानी हरियाणा के कई जिलों सहित दिल्ली के निचले इलाकों को प्रभावित कर सकता है। हरियाणा के यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज पर पानी का जलस्तर 11 बजे बढ़ना शुरू हुआ था, जो 71922 क्यूसेक दर्ज किया गया, जबकि 12 बजे पानी का जलस्तर बढ़कर 83492 क्यूसेक हो गया, इसके बाद पानी का जलस्तर 1 बजे 90894 क्यूसेक, 2 बजे और तीन बजे 99146 क्यूसेक और 4 बजे हथिनी कुंड बैराज के गेट उस समय खोलने पड़े, जब पानी का जलस्तर बढ़कर एक लाख 90680 तक पहुंच गया। इसके चलते हथिनी कुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए। इसी के साथ ही यमुना के साथ लगते हैं निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
वहीं यमुनानगर में पहाड़ी इलाकों से मैदानी इलाकों में पहुंचने वाली सोम व पथराला नदियां भी उफान पर हैं, जिसके चलते इन नदियों
के साथ लगते कई गांवों में पानी भर चुका है।
कहां हुई कितनी वर्षा
यमुनानगर में सबसे ज्यादा वर्षा रादौर ब्लॉक में 246 मिलीमीटर नोट की गई। वहीं, साढोरा में 220, बिलासपुर में 137, जगाधरी में 109, छछरौली में 103, सरस्वती नगर में 193 और प्रताप नगर में 146 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।