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यमुना की बाढ़ से बचाव का कार्य जारी, 17-18 करोड़ रुपये होंगे खर्च : हरविन्द्र कल्याण

ढाकवाला और गांव सदरपुर में यमुना बांध पर चल रहे कार्यों का लिया जायजा
घरौंडा में गांव डाकवाला और सदरपुर में यमुना बांध पर चल रहे कार्यों का जायजा लेते विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण। -निस
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हरिकिशन आर्य/निस

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घरौंडा, 10 जून

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा है कि यमुना के पानी से बाढ़ बचाव के लिए जिला में छह स्थानों पर काम जारी है, जो 30 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। इस कार्य पर करीब 17-18 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने यह जानकारी मंगलवार को गांव ढाकवाला और गांव सदरपुर में यमुना बांध पर चल रहे कार्यों का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ढाकवाला में 6 नये स्टड और स्टोन रिवेटमेंट का कार्य जारी है। इस पर तीन करोड़ खर्च होंगे जबकि सदरपुर में 6 पुराने स्टड्स की मरम्मत की जाएगी और इस कार्य पर एक करोड़ 28 लाख रुपये खर्च होंगे। इसके साथ अधिकारियों को बाढ़ से पहले अलर्ट रहकर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।

विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि हर वर्ष यमुना सहित अन्य स्थानों पर बाढ़ से बचाव कार्यों की निगरानी की जाती है। जहां-जहां जरूरत होती है, वहां सरकार बाढ़ से बचाव की परियोजनाओं को मंजूर करती है और इन्हें बारिश सीजन के पहले पूरा किया जाता है। पहाड़ों पर अधिक बारिश के कारण पिछले सालों में इस जिले के यमुना बेल्ट के गांवों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था। इंद्री की तरफ एक जगह यमुना का बांध टूट भी गया था, जिससे बहुत भारी नुकसान हुआ था। तीन ऐसे स्थान थे, जहां यमुना टूटने के कगार पर थी। अतीत के अनुभव को ध्यान में रखते हुए पिछले साल भी यमुना के सभी कमजोर किनारों को मजबूत किया गया। जरूरत अनुसार स्टड बनाये गये और पत्थर का पुश्ता (स्टोन रिवेटमेंट) लगाया गया।

स्थानों की पहचान कर किया जा रहा कार्य

विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि पिछले साल जिला में 6 ऐसे स्थानों की पहचान की गई, जहां नये स्टड या रिवेटमेंट की जरूरत थी। इन सभी स्थानों पर काम जारी है। निर्माण स्थलों पर 70 से 80 प्रतिशत सामग्री पहुंच चुकी है। भरसक प्रयास है कि 30 जून से पहले बाढ़ से बचाव के सारे कार्य पूरे कर लिए जाएं। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन से तालमेल कर पहले ही अग्रिम योजना तैयार कर ली जाए ताकि दो साल पहले जैसी स्थिति का सामना न करना पड़े। उस समय सामग्री की उपलब्धता में परेशानी का सामना करना पड़ा था और एनएफएल, थर्मल आदि से पत्थर मंगवाना पड़ा था।

'ग्रामीणों द्वारा दिये गये सुझाव अहम'

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि जिला में विभिन्न स्थानों पर 17-18 करोड़ की लागत से बाढ़ बचाव के कार्य जारी हैं। दौरा करने के पीछे मुख्य मकसद धरातल पर ग्रामीणों से भी जानकारी प्राप्त की जाए। ग्रामीणों द्वारा दिए जाने वाले सुझाव काफी कारगर होते हैं। अगर कोई नया विषय सामने आता है तो विभाग को उस बारे में अवगत कराया जाता है। विभाग जांच के बाद जहां जरूरत होती है, उस पर अमल भी करता है। गत वर्ष केवल लालुपुरा के साथ यमुना के तटबंध को मजबूत करने के लिए करीब 13 करोड़ के कार्य कराए गए थे। उन्होंने कहा कि वे गंगा व यमुना मैया से प्रार्थना करते हैं कि चारों ओर सुख-शांति रहे।

इस मौके पर करनाल के एसडीएम अनुभव मेहता, घरौंडा के एसडीएम राजेश सोनी, जिला परिषद की डिप्टी सीईओ रोजी, सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता राजेश बिश्नोई, कार्यकारी अभियंता मनोज कुमार, एसडीओ करनैली सिंह, पंचायती राज विभाग के एसडीओ रामबिलास शर्मा आदि मौजूद रहे।

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