सोनीपत, 8 जुलाई (हप्र)
नागरिक अस्पताल में एक्सरे करने के लिए नयी अत्याधुनिक मशीन की डिमांड चार महीने पहले पंचकूला मुख्यालय को भेजी गई थी, लेकिन कोई अधिकारी सुध ही नहीं ले रहा। अस्पताल में मौजूदा मशीन तो नयी है मगर उससे जुड़ी दूसरी मशीनें 15 साल से अधिक पुरानी होने के कारण कंडम हो चुकी हैं। ऐसे में एक्सरे करने में खासी परेशानी आ रही है। अधिकारी बार-बार रिमाइंडर भेज रहे हैं लेकिन मशीन फाइलों बाहर ही नहीं आ रही। जिसका खमियाजा एक्सरे के लिए आने वाले मरीजों को झेलना पड़ रहा है। नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने डिजिटल रेडियोग्राफी तकनीक से एक्सरे करने की योजना बनाई थी, इसके लिए चार महीने पहले अप्रैल में ही पंचकूला स्थित मुख्यालय को डिमांड भेज दी गई थी। करीब एक करोड़ रुपये की मशीन लगाई जानी थी लेकिन चार महीने से कागजी प्रक्रिया चल रही है। अभी कंप्यूटरीकृत रेडियोग्राफी से मरीजों के एक्सरे किए जा रहे हैं।
अल्ट्रासाउंड के कमरे पर 6 महीने से लटक रहा ताला
नागरिक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करने के लिए रेडियोलाजिस्ट नहीं है। इस कमरे पर 6 महीने से ताला लटक रहा है। इस बारे में अधिकारी डॉक्टर के लिए कई बार रेडियोलाजिस्ट की मांग भेज चुके हैं लेकिन बार-बार की मांग के बावजूद डाक्टर नहीं भेजा रहा। डॉ. रीटा का रोहतक तबादला होने के बाद से अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के कमरे पर ताला लटका है। अस्पताल में हर रोज औसतन 80 के करीब मरीज अल्ट्रासाउंड कराने के लिए आते हैं। मरीजों को बाहर से महंगे रेट पर अल्ट्रासाउंड कराने पड़ते हैं।
बार-बार खराब हो जाती है 15 साल पुरानी मशीन
एक्सरे करने के बाद जिस मशीन में कैसेट डालकर एक्सरे की इमेज देखी जाती हैं वह करीब 15 साल पुरानी हो चुकी है। यह मशीन महीने में कई बार खराब हो जाती है। नयी मशीन की कीमत से अधिक के पुरानी मशीन में पुर्जे डाले जा चुके हैं। कई-कई दिन इंजीनियर इस मशीन को ठीक नहीं कर पाते, तब तक अस्पताल में मरीजों के एक्सरे नहीं हो पाते। पुरानी मशीन मई में करीब 15 दिन और जून में एक बार खराब हो गई थी। हर दिन अस्पताल में 80 से 100 मरीज एक्सरे को पहुंचते हैं, लेकिन अस्पताल में एक्सरे ठप होने से मरीजों को दिक्कत होती है। मजबूरन उन्हें बाहर से महंगे दामों पर एक्सरे करवाने पड़ते हैं।