ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 8 मई
कोरोना महामारी के शहरों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार ने व्यापक रणनीति बनाई है। गांवों में ‘ट्रिपल-टी’ फार्मूले पर काम होगा। इसके तहत ‘टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट’ रणनीति के तहत काम होगा। 8 हजार मल्टी-डिसिप्लीनेरी टीमों का गठन होगा। ये टीमें गांवों में हर घर में लोगों की कोविड-19 जांच करेंगी। कोविड टेस्ट से पहले स्क्रीनिंग होगी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा विकास एवं पंचायत विभाग के सहयोग से इस मुहिम को पूरा किया जाएगा। शनिवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दोनों विभागों के आला अधिकारियों की इस बाबत चंडीगढ़ में अहम बैठक ली। उन्होंने राज्य स्तरीय कोरोना निगरानी समिति की बैठक में भी अधिकारियों को निर्देश दिए। सीएम ने प्रत्येक घर को कवर करते हुए डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग कैंप आयोजित करने को कहा। इसके लिए जल्द विशेष मल्टीडिसिप्लीनेरी टीमों का गठन विभाग के अधिकारी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें किसी भी कीमत पर गांवों को इस घातक संक्रमण से बचाना है। इसलिए संबंधित प्रत्येक अधिकारी हर गांव पर विशेष सतर्कता बरता जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण निवासियों के लिए एक विशेष जागरुकता-सह-परामर्श अभियान शुरू किया जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, आशा वर्कर्स और प्रत्येक गांव के पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों को मिलकर लोगों को स्क्रीनिंग कैंप में जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड-19 प्रबंधन की तैयारियों जैसे टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने एवं क्लीनिकल मैनेजमेंट पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ विशेष तौर पर, ग्रामीण क्षेत्रों में जन-जागरुकता गतिविधियां प्राथमिकता आधार पर आयोजित की जाएं।
विशेष स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएंगे
सीएम ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में वायरस का प्रसार हो रहा है, इसलिए प्रत्येक गांव में ‘टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट’ रणनीति को अपनाकर स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएं ताकि यदि किसी को भी कोविड-19 के लक्षण हो, तो जल्दी से जल्दी पकड़ में आ सकें और संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। इन कैंपों के माध्यम से अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि हरियाणा के लगभग 60 लाख परिवारों के प्रत्येक सदस्य को ‘टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट’ किया जा सके। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता अभियान शुरू किए जाने चाहिए ताकि लोगों को बीमारी के बारे में जागरुक किया जा सके। इस कार्य में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
धर्मशाला, स्कूल बनेंगे आइसोलेशन सेंटर
उन्होंने निर्देश दिए कि धर्मशालाओं एवं सरकारी स्कूलों को आईसोलेशन केंद्रों में परिवर्तित करने की संभावना का जल्द से जल्द पता लगाया जाए। अगर कोविड केयर केंद्रों और अस्पताल में मरीज बढ़ते हैं तो धर्मशालाओं, सरकारी स्कूलों, जहां कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं, का उपयोग किया जा सकता है ताकि हर मरीज को आवश्यक चिकित्सा सुविधा मिल सके।
सभी पत्रकारों को लगेगी वैक्सीन
सीएम ने हरियाणा के सभी पत्रकारों के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों के स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर टीकाकरण अभियान के दौरान प्रत्येक मीडियाकर्मी को कोविड-19 से बचाव के टीके लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के लिए प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां जिलों में स्थापित मीडिया केंद्रों पर की जाएंगी।
बॉयो एवं साइंस टीचर संभालेंगे मोर्चा, सरकार ने शुरू की ट्रेनिंग
गांवों में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। वहीं दूसरी ओर, तीसरी लहर की चेतावनी और भी परेशानी बढ़ाने वाली है। ऐसे में राज्य सरकार ने अब तीसरी लहर और 15 मई तक प्रदेश में संभावित पॉजिटिव मरीजों की संख्या को भांपते हुए तैयारियां शुरू कर दी हैं। अब शिक्षकों, आशा वर्कर तथा एएनएम को कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में उतारा जाएगा। प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं कि वे साइंस व बॉयोलॉजी शिक्षकों, आशा वर्कर तथा एएनएम को वेबीनार के माध्यम से प्रशिक्षण दें ताकि आपात स्थिति इनकी सेवाएं ली जा सकें। पंचकूला, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, जींद, हिसार, सिरसा व फतेहाबाद जिलों में शुक्रवार से ट्रेनिंग शुरू भी हो गई, 12 मई तक चलेगी। ट्रेनिंग 4387 पीजीटी और 3161 टीजीटी अध्यापकों, सरपंचों, पंचों, गांव के गणमान्य लोगों, एमपीएचडब्ल्यू, आंगनवाड़ी वर्कर व आशा वर्कर को दी जाएगी। शिक्षा विभाग के 7548 साइंस एवं बायोलॉजी के अध्यापकों को गांवों में तैनात किया जाएगा। साइंस अध्यापकों, आशा वर्कर और एएनएम को वेबीनार के जरिए ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए प्रतिदिन दो सत्र आयोजित किए जाएंगे। पहले सेशन में सभी को कोरोना मरीजों की देखरेख के लिए ऑक्सीजन लगाना, वेंटीलेटर की थैरेपी के इस्तेमाल को लेकर प्रशिक्षित किया जाएगा। यह ट्रेनिंग एसएमओ, एमओ, डेंटल सर्जन, सीएचओ व आयुष डॉक्टरों द्वारा दी जाएगी। इसी प्रकार जागरूकता सेशन में अध्यापक (पीजीटी व टीजीटी), सरपंच व पंच, गांव के मौजिज लोगों, एमपीएचडब्ल्यू, आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर को कोविड के संदर्भ में रोगी से बर्ताव, होम आईसोलेशन केयर, हाथ साफ करने की विधि और मास्क के प्रयोग बारे जागरूक किया जाएगा। यह ट्रेनिंग शुक्रवार से हरियाणा में शुरू हो चुकी है। सभी जिला ट्रेनिंग अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इसके लिए सभी इंतजाम पूरे करें ताकि ट्रेनिंग में किसी तरह की असुविधा न हो।