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महिला आरक्षण कांग्रेस की पहल न कि भाजपा की : अमृत गिल

हिसार, 29 सितंबर (हप्र) महिला आरक्षण इस देश की आधी आबादी की राजनीतिक भागीदारी और उनके सशक्तीकरण का सबसे जरूरी माध्यम है। महिला आरक्षण से ज्यादा से ज्यादा महिलाएं देश की राजनीति में आएंगी, संसद-विधानसभाओं में पहुंचेंगी और नीति निर्माण...
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हिसार में शुक्रवार को कांग्रेस भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमृत गिल। -हप्र
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हिसार, 29 सितंबर (हप्र)

महिला आरक्षण इस देश की आधी आबादी की राजनीतिक भागीदारी और उनके सशक्तीकरण का सबसे जरूरी माध्यम है। महिला आरक्षण से ज्यादा से ज्यादा महिलाएं देश की राजनीति में आएंगी, संसद-विधानसभाओं में पहुंचेंगी और नीति निर्माण में उनकी भागीदारी होगी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इसका पूर्ण समर्थन करती है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अमृत गिल ने शुक्रवार को पत्रकारों से यह बात कही।

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उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता धर्मबीर गोयत आदि भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि महिलाओं की लड़ाई लंबी चली है। अमृत गिल ने कहा कि 1989 में पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की शुरुआत की, लेकिन इसके लिए जब बिल पेश किया गया तो भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेई, यशवंत सिंह और राम जेठमलानी ने उसके विरोध में वोट किया।

वह बिल लोकसभा में पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में केवल 7 वोट से गिर गया। 1992 में पूर्व प्रधान मंत्री नरसिम्हा राव ने पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण लागू किया। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए। कई राज्यों में, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कोटे के भीतर महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की गईं।

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