चंडीगढ़, 31 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा में एनजीओ द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े पर कार्रवाई के लिए महिला आयोग सतर्क हो गया है। जिसके चलते प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी गई है। जिलों से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर एनजीओ के बारे में गाइडलाइन तैयार की जाएगी।
हरियाणा में इस समय सैकड़ों की संख्या में एनजीओ चल रहे हैं। जिनमें बहुत से ऐसे हैं जिन्हें सरकार द्वारा विशेष प्रोजेक्ट के लिए अनुदान भी दिया जाता है। प्रदेश में काम करने वाली ज्यादातर एनजीओ का कार्यक्षेत्र महिलाएं तथा उनसे जुड़े मुद्दे हैं।
महिला आयोग के पास आने वाले ज्यादातर केसों में यह देखने को मिला है कि महिला उत्पीड़न, दहेज उत्पीड़न आदि के मामलों में जब महिला आयोग कार्रवाई करता है तो कई संगठनों के प्रतिनिधि परिजनों से अधिक सक्रिय भूमिका निभाते हैं। यही नहीं एनसीआर में तो कई संगठन इस तरह के केसों में समझौते आदि करवाने को लेकर बाकायदा इसे कारोबार की तरह चला रहे हैं। इन सब शिकायतों के चलते महिला आयोग सख्त हो गया है। महिला आयोग द्वारा प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को लिखे गए पत्र में उनके जिले में काम कर रही एनजीओ के बारे में पूरा ब्योरा मांगा गया है।
” सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है। कुछ एनजीओ बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। घरेलू हिंसा तथा महिलाओं से जुड़े अन्य मामलों में एनजीओ की दखलंदाजी लगातार बढ़ रही है। कई केसों में तो परिजन कम होते हैं और एनजीओ के वालंटियर अधिक होते हैं। जिलों से आने वाली रिपोर्ट के बाद आयोग को यह पता लग पाएगा कि सरकार के रिकार्ड के अनुसार कितनी पंजीकृत एनजीओ काम कर रहे हैं।- ”
-रेणु भाटिया, चेयरपर्सन हरियाणा महिला आयोग