बहादुरगढ़, 7 जनवरी (निस)
नये कृषि कानूनों के विरोध में बृहस्पतिवार को विभिन्न किसान संगठनों ने ट्रैक्टर-मार्च निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया। टीकरी बॉर्डर से होते हुए बहादुरगढ़ के साथ लगते केएमपी एक्सप्रेस-वे से हजारों सैकड़ों ट्रैक्टर मार्च में शामिल हुए। मार्च का असर शहर के प्रमुख मार्गों पर भी साफ तौर पर देखने को मिला। नाहरा-नाहरी रोड, वेस्ट जुआ ड्रेन के अलावा अन्य प्रमुख मार्गों पर भी जाम की स्थिति बनी रही। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल भी केएमपी व अन्य बॉर्डरों पर तैनात रहा। उधर, दिल्ली पुलिस ने भी राजधानी की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाई है। मार्च में पहुंचे किसानों कहा कि ये तो सिर्फ ट्रेलर था, असली दम तो 26 जनवरी को परेड करके दिखाएंगे।
किसानों ने चेताया कि सरकार 8 जनवरी को होने वाले किसानों व सरकार के बीच 9वें दौर की वार्ता में या तो कोई फैसला करे अन्यथा वे 9 जनवरी से लेकर 29 जनवरी तक आंदोलन को तेज करेंगे और 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। परेड की कमान महिलाओं के हाथ में रहेगी। 250 से अधिक महिलाएं ट्रैक्टर चलाने का प्रशिक्षण भी ले रही हैं।
आंदोलनरत किसानों ने कहा कि सरकार ने अगर जल्द ही तीनों कानून वापस नहीं लिए तो 26 जनवरी को दिल्ली तरफ कूच किया जाएगा। जहां भी उन्हें रोका जाएगा वे वहीं डेरा डाल देंगे। ऐसे में सरकार जल्द तीनों कानूनों को वापस ले। उन्होंने कहा कि इस ट्रैक्टर मार्च से निश्चित तौर पर सरकार को पता चल जाएगा कि किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं और 26 जनवरी को जो परेड होगी उसका यह ट्रेलर है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के धर्य की परीक्षा न ले।
किसानों का इम्तिहान न ले सरकार : ललित नागर
फरीदाबाद, 7 जनवरी (हप्र)
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ पिछले 42 दिन से धरने पर बैठे किसानों के आह्वान पर बृहस्पतिवार को तिगांव विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने किसान संघर्ष समिति नहरपार के बैनर तले क्षेत्र के पूर्व कांग्रेसी विधायक ललित नागर के नेतृत्व में केजीपी हाईवे पर ट्रैक्टर मार्च निकालकर अपना विरोध दर्ज करवाया। तयशुदा कार्यक्रमानुसार सभी किसान आईएमटी गोल चक्कर पर सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ एकत्रित हुए। किसानों के एकत्रित होने पर पुलिस बल ने बल्लभगढ़ के एसीपी जयवीर राठी की मौजूदगी में ललित नागर व किसानों को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान नागर व किसान नेताओं की पुलिस के साथ झड़प भी हुई, जिसके बाद किसान नहीं रुके और वहां से ट्रैक्टरों पर सवार होकर जुलूस के रूप में रवाना होते हुए चंदावली, मच्छगर, दयालपुर, अटाली होते हुए केजीपी हाईवे पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि पिछले 42 दिन से देश का अन्नदाता किसान ठंड और बारिश में मांगों को लेकर धरने पर बैठा है और सरकार से 8 दौर की वार्ता में भी सरकार किसानों की जायज मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है, जिससे यह साबित होता है की मोदी सरकार किसान हितैषी नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के सब्र का इम्तिहान न ले।