भिवानी, 18 जनवरी (हप्र)
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज कितलाना टोल के अनिश्चितकालीन धरने पर महिला किसान दिवस मनाया गया। धरने की कमान पूरी तरह महिलाओं के हाथ में रही। महिलाओं में से ही अध्यक्ष मंडल का चयन किया गया और मंच संचालन के साथ वक्ता भी महिलाएं ही रहीं।
महिला वक्ताओं ने कहा कि महिलाएं हमारे देश की कृषि व्यवस्था की रीढ़ हैं। दुनिया का पहला किसान महिला को ही माना जाता है। उनके बिना खेती बाड़ी की कल्पना भी मुश्किल है। घर में चूल्हे चौके से लेकर पशुधन को पालने से लेकर फसल की कटाई, निराई, गुड़ाई, धुलाई और चुगाई में महिलाओं की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि खेती का कार्य 75 प्रतिशत महिलाएं ही संभालती हैं। उसके बावजूद वह केवल 12 प्रतिशत कृषि भूमि की मालिक हैं। आज भी उन्हें किसान होने की नैतिक मान्यता नहीं मिली है। यहां तक की किसानों को मिलने वाली 6000 रुपये वार्षिक राशि से भी वह वंचित रह जाती हैं।
कितलाना टोल पर धरने के 25वें दिन कृष्णा छपार, निर्मला पांडवान, बीरमति डोहकी, शीला बलियाली, रिसालो भिवानी, रतन्नी देवी ने संयुक्त अध्यक्षता की। मंच संचालन कमलेश भैरवी ने किया। उन्होंने कहा कि वे समाज में बराबर की अधिकारी हैं और अब शोषण सहन नहीं करेंगी।
इस मौके पर दीपा रोहतक ने किसानों पर एक लघु नाटिका प्रस्तूत की। महिलाओं ने इस बीच सरकार के खिलाफ पूरे जोश से नारेबाजी की। आज भी टोल फ्री रहा। खास बात यह रही कि पुरुषों को जमीन पर बैठना पड़ा और दूर से मंच की कार्रवाई देखनी पड़ी। इस मौके पर मुकेश पहाड़ी, भतेरी, शांति देवी, सरती देवी, मुन्नी, फुलपति, परमेश्वरी, ओमपति, इंद्र, सब्जो, ओमली, राजवंती, ज्ञाना, सजनो मौजूद रहीं।
धरने पर बैठीं महिलाएं
गोहाना (निस) : महिला किसान दिवस पर सोमवार को दीनबंधु छोटूराम के प्रतिमा स्थल पर महिलाओं ने धरना दिया। महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के बॉर्डरों पर चल रहे धरनों से महिलाओं को घर वापस भेजने के बयान का विरोध किया। धरना समतामूलक महिला संगठन, मेहनतकश किसान मजदूर संगठन और जन संघर्ष मंच की महिला सदस्यों ने संयुक्त रूप से दिया। बीरमति चहल, रितु विरोधिया और बबीता ने कहा कि ग्रामीण महिलाएं खेती के काम में पुरुषों के साथ बराबर का सहयोग करती हैं तथा कृषि पर कोई संकट आने की स्थिति में महिलाओं पर प्रतिकूल प्रभाव अधिक होता है। जया विरोधिया, कमलेश और बिमला रावत ने कहा कि किसान आंदोलन में महिलाएं बराबर की भागीदार हैं। चीफ जस्टिस को सार्वजनिक रूप से अपना बयान वापस ले लेना चाहिए।
प्रदर्शन में लाल झंडे लेकर पहुंची महिलाएं, हंगामा
जींद, 18 जनवरी (हप्र)
शहर में सोमवार को नेहरू पार्क में लाल झंडों को लेकर हंगामा हो गया। दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मनाये जा रहे महिला दिवस कार्यक्रम में जिले भर से काफी संख्या में महिलाएं शहर के नेहरू पार्क में एकत्रित हुई थीं। इनमें से काफी संख्या में महिलाएं सीटू से संबंधित लाल झंडा हाथों में उठाये हुए थीं। कुछ लोगों ने इस पर ऐतराज करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सीटू का न होकर किसानों का है, इसलिए यहां लाल झंडे न लहराये जाएं। कुछ युवकों ने लाल झंडों को नीचे करवाना शुरू कर दिया। इसे लेकर काफी देर तक हंगामा हुआ। बाद में अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष फूल सिंह श्योकंद, सीटू के राज्य उपाध्यक्ष रमेश चंद्र समेत कई नेताओं ने मामला शांत करवाया। बाद में सभी ने संयुक्त रूप से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन किया।
‘किसानों की मांगें माने सरकार’
नारनौल, 18 जनवरी (हप्र)
किसान आंदोलन के समर्थन में सिंघाना रोड बाईपास पर दिए जा रहे धरने के दौरान सोमवार को महिला किसान दिवस मनाया गया। इस मौके पर महिला नेता प्रेम यादव एवं राष्ट्रपति पदक से सम्मानित पूर्व सरपंच रोशनी देवी के नेतृत्व में कई महिलाएं किसान आंदोलन के समर्थन में धरनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने कहा कि किसान चाहते हैं कि नये कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और किसानों की मांगें पूरी की जाए।