भिवानी, 8 मार्च (हप्र)
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कितलाना टोल पर महिला किसान दिवस मनाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। धरने की कमान सोमवार को पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में रही। अध्यक्ष मंडल, मंच संचालन से लेकर वक्ता भी महिलाएं ही रही। कई महिलाएं ट्रैक्टर चलाकर जत्थे को लेकर पहुंची। कई महिलाएं दामन पहने भी नजर आई। महिला वक्ताओं ने कहा कि किसान आंदोलन में महिलाएं किसी तरह भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि चाहे भारत बंद रहा हो, रेल रोको अभियान हो या किसान परेड हो महिलाओं ने संयुक्त किसान मोर्चा के निर्धारित कार्यक्रमों में डटकर साथ दिया है। उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि महिलाएं हर मोर्चे पर किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर साथ देंगी। ये हमारे बच्चों के भविष्य की लड़ाई है और जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं होते। हम मुड़कर पीछे नहीं देखेंगी और जीतकर ही घर वापसी करेंगे। कितलाना टोल पर महिला किसान दिवस की निर्मला देवी, मुकेश पहाड़ी मौजूद रहीं।
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मंगलवार को भाजपा और जजपा के विधायकों के आवास या कार्यालय के घेराव का ऐलान विभिन्न खाप, सामाजिक, किसान और कर्मचारी संगठनों की टोल पर हुई अहम बैठक के बाद लिया गया।
वहीं, प्रत्येक गांव की महिलाएं दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसानों के धरने पर पहुंची। गांव तालु से जत्थे को गुड्डी देवी के नेतृत्व में महिलाओं का जत्था दिल्ली बॉर्डर पर रवाना हुआ। किसान नेता जोगेंद्र तालु ने कहा कि महिलाएं कृषि व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। दुनिया का पहला किसान महिला को ही माना जाता है। उनके बिना खेतीबाड़ी की कल्पना करना भी मुश्किल है।
दिल्ली पहुंचाई राशन सामग्री
चरखी दादरी (निस) : खाप फौगाट-19 के नेतृत्व में गांव लोहरवाड़ा के किसान चीनी, चाय, चाय कप, प्लेट, दूध, दाल, मिर्च, नमक, पानी, बिस्कुट, प्याज, टमाटर, किन्नू, केला, लस्सी और अन्य खाद्य सामग्री लेकर टीकरी बॉर्डर के लिए रवाना हुये। खाप फौगाट-19 ने सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि बिलों को वापिस लेने की मांग की।
हिसार में किसान अक्रोश रैली
हिसार (हप्र) : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राजगढ़ रोड पर संत कबीर छात्रावास के मैदान में सोमवार को संयुक्त मजदूर किसान मोर्चा के बैनर तले किसान आक्रोश रैली का आयोजन किया। रैली की अध्यक्षता किसान नेता सत्यवीर पूनिया ने की। किसान नेता अभिमन्यु कुहाड़ ने कहा कि आंदोलन फतेह करने तक मैदान में डटे रहना पड़ेगा। केंद्र सरकार की हठधर्मिता की निंदा करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से सरकार को झुका दिया जाएगा। रैली के संयोजक किसान नेता दिलबाग हुड्डा ने कहा कि रैली के उपरांत एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिए गए और मांग की गई कि तीनों काले कानून वापस हों, एमएसपी गारंटी का कानून बने, स्वामीनाथन रिपोर्ट सी2 फार्मूले लागू हो, आंदोलन के दौरान किसानों पर बनाये गये सभी मुकदमें वापस हो। रैली के दौरान किसान आंदोलन में अब तक शहीद हुए किसानों को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
नैना चौटाला की कोठी का आज घेराव
बाढड़ा (निस) : 9 मार्च को सभी किसान व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी सोमवार सुबह दादरी पहुंच कर विधायक नैना देवी चौटाला के आवास का घेराव करेंगे। श्योराण खाप पच्चीस अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह बेरला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया।
समतामूलक महिला संगठन ने किया प्रदर्शन
गोहाना (निस) : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को समतामूलक महिला संगठन ने शहर में प्रदर्शन किया। इस बाद प्रदर्शनकारी महिलाएं किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए सिंघु बॉर्डर प्रस्थान कर गईं। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व संगठन की प्रदेश संयोजिका डा. सुनीता त्यागी ने किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने तीनों नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए उन्हें निरस्त करने की किसानों की मांग का समर्थन भी किया।
इस अवसर पर शांति, कमलेश, बीरमति और रेखा ने मांग की कि सरकार महिला सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करे तथा उनसे जुड़े कानूनों को सख्ती से प्रभावी करे। यौन हिंसा, नशे के कारोबार और अश्लीलता के प्रचार पर अंकुश लगाया जाए। रितु, अनिता, सुशीला, गीता और मनीषा ने जस्टिस वर्मा आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर बल दिया तथा महिलाओं से जुड़े अपराधों पर नियंत्रण के लिए खंड स्तर पर वन स्टॉप सेंटर्स की स्थापना की वकालत की।
‘सरकार को वापिस लेने पड़ेंगे कानून’
रोहतक (निस) : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मकडोली टोल पर चल रहे तीन कृषि कानूनों के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने का सोमवार को महिलाओं ने नेतृत्व किया। इस दौरान नारेबाजी करते हुये कहा कि महिलाओं की किसान आंदोलन में पूरी भागेदारी है और अंतिम सांस तक महिलाएं पीछे नहीं हटेगी। भारतीय किसान यूनियन अंबावता की महिला प्रदेश अध्यक्ष प्रेमलता, अंग्रेजों देवी, मीनाक्षी नांदल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने यह तीन कृषि कानून कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए है। इन काले कानूनों से कृषि क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा और किसान व मजदूर कारपोरेट घरानों के यहां गुलाम बन कर रह जाएंगे। अग्रेजो देवी ने कहा कि कोरोना के समय में एक मात्र कृषि क्षेत्र ने ही देश की अर्थव्यवस्था को संभाले रखा, लेकिन अब सरकार इस क्षेत्र को पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुली है। उन्होंने कहा कि सरकार को हठधर्मिता छोड़कर राजधर्म निभाना चाहिए। इस अवसर पर भाकिूय (अ) प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल ने कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपनाएं हुए है, लेकिन किसान जब तक घर वापिस नहीं जाएंगे जब तक यह काले कानून वापिस नहीं हो जाते है।
हरियाणवी ड्रेस में पहुंची महिलाएं
रोहतक (हप्र) : मदीना टोल पर जनवादी महिला समिति, अखिल भारतीय किसान सभा और राष्ट्रीय मजदूर संगठन सीटू के संयुक्त प्रयास से अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। जनवादी महिला समिति की जिला अध्यक्ष राजकुमारी दहिया ने कहा कि सरकार को कृषि विरोधी तीनों काले कानून वापस करने होंगे। मदीना टोल प्लाजा पर महिलाएं हरियाणवी परिधानों में पहुंची। कई ने टोल पर ट्रेक्टर भी चलाए। इस दौरान कृषि से संबंधित औजार भी उनके साथ थे।
जहर निगलने वाले किसान को घर भेजा
रेवाड़ी (निस) : जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर रविवार को जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास करने वाले राजस्थान के कोटपूतली निवासी किसान किशन कुमार को संयुक्त किसान मोर्चा के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर उसे घर भेज दिया गया है। उसकी हालत में सुधार हो रहा है। धरने पर बैठे किसान नेता राजाराम मील ने कहा कि हमारा लक्ष्य संघर्ष से आगे बढ़ना है। आत्महत्या करना बुजदिली का प्रतीक है। संयुक्त मोर्चा के दिशा-निर्देश इस तरह की बातों का समर्थन नहीं करता। इसलिए किसान किशन कुमार को घर भेज दिया गया है। वहीं, धरना स्थल पर महिला सशक्तिरण पर एक प्रदर्शनी भी लगाई। महिलाओं ने कृषि बिलों को वापस न लेने पर केंद्र सरकार पर हमला बोला। जनवादी महिला मोर्चा की सुमित्रा, पूर्व विधायक पवन दुग्गल की पत्नी रानी दुग्गल, पूर्व विधायक सोना देवी, सुनीता चतुर्वेदी, ने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ बॉर्डरों पर किसान धरना देकर बैठे हैं और केंद्र सरकार किसानों की मांगों से आंख मूंदे हुए है।
हाथ उठाकर कानून रद्द कराने का लिया प्रण
पलवल, 8 मार्च (हप्र)
नेशनल हाइवे-19 पर चल रहे किसानों के धरने की सोमवार को महिलाओं ने कमान संभाली। सोमवार को धरने की अध्यक्षता हेमवती चौहान ने की। धरने का संचालन रंगीला पाल/खाप से वरिष्ठ महिला किसान नेता शशि बाला तेवतिया ने किया। महिला दिवस पर हजारों की संख्या में महिलाएं धरना पर पहुंची और लोक गीतों के माध्यम से तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग की। वहीं ठेठ हरियाणवी में गीतों पर जमकर नृत्य कर सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से भाजपा सरकार पर चोट करते हुए लोगों को एमएसपी के फायदे भी बताये। इस दौरान महिलाओं ने ढोलक और मजीरा लेकर गाजे-बाजे की थाप पर शंखनाद किया।
रंगीला पाल से शशि बाला तेवतिया भिडूकी ने कहा कि आंदोलन में महिलाएं भी पूरी तरह से किसानों के साथ हैं और महिलाएं घर के चौका-चूल्हा के साथ-साथ अब किसान आंदोलन में भी अपनी भूमिका का पालन कर रही हैं। मंच से महिलाओं ने हाथ उठवाकर प्रण लिया कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होते और एमएसपी पर कानून नहीं बनता तब तक किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका सहयोग करती रहेंगी। आज के धरने पर महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष सविता चौधरी, धर्मवती, श्यामवती, अमरवती, मोनिका, मीरा, सत्तो, अनिता, बिरामा आदि मौजूद थीं।
बहादुरगढ़ में 6 घंटे बंद रही मेट्रो सेवा
बहादुरगढ़ (निस): टीकरी बॉर्डर पर पंजाब-हरियाणा समेत कई अन्य सूबों से आई महिलाओं ने प्रदर्शन किया। डीएमआरसी ने सतर्कता बरतते हुये बहादुरगढ़ के सभी तीनों और दिल्ली के इलाके में दो मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए। टीकरी कलां स्टेशन से ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेशन तक मेट्रो ट्रेन सेवाएं सुबह 10 बजे ही रोक दी गई थी जिस कारण यात्रियों को दिनभर परेशानी का सामना करना पड़ा। दोपहर करीब 4 बजे मेट्रो स्टेशनों के गेट खुल गए। यात्रियों ने बिना पूर्व सूचना के डीएमआरसी द्वारा उठाए गए इस कदम की आलोचना की। वहीं, दिल्ली के टीकरी बार्डर, बहादुरगढ़ बाइपास व नया गांव चौक के पास चल रहे धरने की कमान सोमवार को महिलाओं के हाथों में रही। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यहां काफी महिलाओं को संयुक्त किसान मोर्चा व विभिन्न किसान संगठनों की ओर से सम्मानित भी किया। पंजाब, हरियाणा व अन्य प्रदेशों से आये महिलाओं के जत्थों ने एकत्रित होकर प्रदर्शन भी किया और नारी शक्ति की आवाज भी बुलंद की। हरियाणा की महिलाओं ने लोक गीतों के माध्यम से भाजपा सरकार पर जहां जमकर कटाक्ष किए वहीं नारी शक्ति को एकजुट होकर आंदोलन को तेज करने पर बल दिया।