रोहतक, 6 मई (निस)
किसी भी संस्थान की उन्नति के लिए वहां पर मरीजों के हित में अधिक से अधिक नई रिसर्च होना जरूरी है, क्योंकि नित नई बीमारियां आ रही हैं, ऐसे में यदि हम रिसर्च नहीं करेंगे तो कैसे नवीनतम तकनीक से इलाज उपलब्ध करवा पाएंगे।
यह बात पीजीआईएमएस निदेशक डॉ. एस.एस.लोहचब ने शुक्रवार को लेक्चर थियेटर पांच में चल रही मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट की दो दिवसीय कान्फ्रेंस के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही। डॉ. लोहचब ने कहा कि हमें बिना बॉयोस्टेटिक्स के अपनी रिसर्च पब्लिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि एक अच्छी रिसर्च वही होती है, जिसमें पूरे आंकड़ें दिए जाते हैं। डीन डॉ. कुलदीप सिंह लालर ने कहा कि रिसर्च में अच्छे डाटा के बिना हम उसे अच्छे जनरल में पब्लिश नहीं करवा सकते। उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस प्रकार की कान्फ्रेंस आयोजित होनी चाहिए ताकि युवा चिकित्सकों को रिसर्च के लिए अधिक प्रेरित किया जा सके।
एमआरयू की अध्यक्ष डॉ. सिम्मी खरब ने कहा कि आज कांफ्रेेस में दूसरे दिन प्रतिभागियों को सिखाया गया कि एक्सपेरिमेंटल डिजाइन किस प्रकार करना है व इसमें क्या-क्या ध्यान रखना होता है। इस अवसर पर डॉ. महेश गोयल, डॉ. अमित मिश्रा, डॉ. अनुप कुमार, डॉ. मंजूनाथ, डॉ. हरनीत सिंह, आचार्य किरण, विपुल व रेनू प्रमुख रूप से मौजूद रहे।