चरखी दादरी, 15 अप्रैल (निस)
कुश्ती, निशानेबाजी और तीरंदाजी को राष्ट्रमंडल खेलों की सूची से बाहर करने से खिलाड़ियों में निराशा और नाराजगी है। प्रदेश के कई खिलाड़ियों ने तीनों खेलों में अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनाई है। एक फैसले से उनके अरमान टूट गये हैं। कुश्ती खिलाड़ी अंजलि ने बताया कि वह लगातार मेहनत कर रही है और काॅमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लेने का सपना देख रही थी। जैसे ही काॅमनवेल्थ खेलों की सूची से कुश्ती का नाम हटा तो बेहद दुख हुआ। अब अखाड़े सूने हो गये हैं। खिलाड़ियों का मन अब अभ्यास में नहीं लगता। तीरंदाज रीतू ने कहा कि उसका सपना था कि जिला स्तर से आगे बढ़ते हुए काॅमनवेल्थ खेलों में पदक जीते, लेकिन अब यह सपना अधूरा रह गया है। सरकार को चाहिए कि इस ओर कोई विशेष कदम उठाए, जिससे खिलाड़ियों को फायदा मिले।
मनोबल हुआ कमजोर
कोच प्रविंद्र चावला व याशिन ने बताया कि भारत ने कुश्ती के अलावा कई खेलों में विश्व भर में अपनी पहचान बनाई है। प्रत्येक खिलाड़ी इसलिए खेलता है कि वह एक दिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम चमका सके। इस तरह के फैसले से खिलाड़ियों का मनोबल कमजोर होता है।