बहादुरगढ़, 12 फरवरी (निस)
दलाल खाप-84 की ओर से किसान महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आंदोलन की बागडोर अब खापों ने अपने हाथों में ले ली है, अब कोई भी किसानों को हरा नहीं सकता। अब किसान दिल्ली की कील निकालकर ही वापस लौटेंगे।
टिकैत ने कहा कि कुछ लोग इसे केवल पंजाब का आंदोलन बता रहे थे, जबकि हरियाणा, यूपी, राजस्थान सहित पूरे देश के किसान इससे जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि 4 लाख ट्रैक्टरों के साथ 25 लाख लोग दिल्ली में आए। उनका मकसद दिल्ली की सड़क पर एक बार अपने ट्रैक्टर का टायर लगाने का था। उन्होंने कहा कि हमें लाल किले पर जाना ही क्यों था, क्या वहां पर कानून बनते हैं। वह तो केवल भूतों का घर है। किसानों को लाल किले पर भेजने का काम किया गया। ये तीनों कानून किसानों के लिए बनाए, मगर उन्हें ये मंजूर नहीं तो सरकार को वापस लेने चाहिए, लेकिन सरकार कानून वापस कैसे लें, क्योंकि गोदाम पहले बने और बिल बाद में। देश में व्यापार धर्म का कर लिया, मंदिर कर लिया, भावनाओं का कर लिया। दुनिया में जो अगला व्यापार है वह भूख का है। ये सरकार रोटी को तिजोरी में बंद करना चाहती है, मगर हम ऐसा नहीं होने देंगे। दिल्ली के चोरों तरफ कील व बेरिकेड़्स लगाए गए वैसे ही गोदाम होगा। भूखा आदमी वहां तक कैसे पहुंचेगा। रोटी को तिजोरी बंद नहीं होने दिया जाएगा।
किसानों के साथ मजाक हुआ
टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के किसानों के साथ मजाक किया है। सरकार एमएसपी पर कानून बनाने से इनकार कर रही हे। आज देशभर के किसानों को न्यूनतम से भी नीचे फसल का भाव मिल रहा है। किसान तो 11 दौर वार्ता विफल रहने के बाद भी बात करने को तैयार है, लेकिन सरकार की तरफ से वार्ता का बुलावा नहीं आया है। यदि सरकार वार्ता के लिए बुलावा देती है तो किसान इस पर विचार रख बातचीत करेंगे। किसानों ने कभी भी सरकार के बातचीत के न्योते को नहीं ठुकराया है।
हल चलाने वाला हाथ नहीं जोड़ेगा
हल चलाने वाला हाथ नहीं जोड़ेगा का नारा देते हुए टिकैत ने कहा कि तीन कानूनों को वापस लो, एमएसपी कानून लागू करो, मुकदमें वापस लो। तब ही घर वापस होगी। उन्होंने कहा कि अब हमें सरकार और अधिकारियों के सामने हाथ नहीं जोड़ना है। साथ ही किसान नेताओं ने 16 फरवरी को सांपला गढ़ी में सर छोटूराम जयंती पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुचने की अपील की।