झज्जर, 10 फरवरी (हप्र)
कृषि अध्यादेशों को लेकर टीकरी बॉर्डर पर पिछले 76 दिन से धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब यहां पर अर्धनग्न प्रदर्शन न करने का फैसला लिया है। धरना शुरू होने के बाद से ही यहां किसान प्रतिदिन अर्धनग्न प्रदर्शन कर रहे थे। पिछले कई दिन से जिस तरह से यहां आंदोलन स्थल पर किसानों की ठंड या फिर अन्य कारणों से मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है, उसके बाद से यहां किसान संगठनों की किसानों के स्वास्थ्य के प्रति चिंता बढ़ी है। इसी के चलते अब यहां किसानों ने बुधवार को फैसला लिया कि अब आंदोलन स्थल पर कोई भी किसान अर्धनग्न होकर प्रदर्शन नहीं करेगा।
खापों के समर्थन से मिली नयी ऊर्जा
खाप पंचायतों से किसानों को मिल रहे समर्थन से आंदोलन को नई ऊर्जा मिल रही है। किसानों का कहना है कि किसान राजनीति नहीं बल्कि अपने आंदोलन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं।
आंदोलन से जुड़े विभिन्न संगठनों के सदस्य
बहादुरगढ़ (निस) : कृषि कानूनों के विरोध में टीकरी बॉर्डर पर चल रहा धरना बुधवार को भी जारी रहा। चरखी दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान के अलावा विभिन्न किसान संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने बुधवार को यहां पहुंचकर आंदोलनरत किसानों का समर्थन किया। उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कई तरह के सवाल खड़े किए और कहा कि जब तक सरकार कानून को निरस्त नहीं करती तब तक किसान आंदोलन को शांतिपूर्वक तरीके से चलाते रहेंगे। धरने को भारतीय किसान संघर्ष समिति हिसार के अध्यक्ष विकास सीसर, किसान नेता जोगेंद्र नैन, भारतीय किसान यूनियन (पंजाब) से हरेंद्र लखोवाल ने भी संबोधित किया।
वहीं, दलाल खाप 84 की एक बैठक बुधवार को प्रधान भूप सिंह दलाल की अध्यक्षता में किसानों के लिए चलाए जा रहे भंडारा स्थल पर हुई। उन्होंने बताया कि बेरी-बहादुरगढ़ फ्लाईओवर बाईपास पर स्थित दलाल खाप 84 के भंडारा स्थल पर 12 फरवरी को महापंचायत होगी। इसमें किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी, बलवीर सिंह राजेवाल भी भाग लेंगे।