भिवानी, 22 नवंबर (हप्र)
कोई भी प्राइवेट स्कूल अब बिना फीस के न तो फॉर्म भरेगा, न ही मुफ्त में एसएलसी देगा। स्कूल को ताला लगाना मंजूर होगा, पर पूर्ण मान्यता की शर्त पर ही, आगे 10वीं की परीक्षा के फॉर्म भरे जाएंगे। यह बात रविवार को श्रीमती दुर्गा देवी स्कूल में प्राइवेट स्कूल संघ के वरिष्ठ उपप्रधान घनश्याम शर्मा ने स्कूल संघ संचालकों को सम्बोधित करते हुए कही।
घनश्याम शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 3200 स्कूल अब केवल जैसे हैं वैसे के सिद्धांत पर पूर्ण एवं स्थायी मान्यता के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सब पर आर्थिक तंगी बनी हुई है, ऐसे में संबद्धता शुल्क माफ किया जाए।
उन्होंने सरकार से इस संकट काल में वित्तीय सहायता देने व कोरोना काल में सब टैक्स माफ करने की मांग भी रखी। इस अवसर पर उपाध्यक्ष दयानंद बाजल, सुमेर लामोरिया ढिगावा, प्रधान सतीश तंवर, ब्लॉक प्रधान मंजीत भोरिया आदि स्कूल संचालक भी स्टाफ के साथ उपस्थित हुए।
सौंपा मंत्री मूलचंद शर्मा को ज्ञापन
इस बीच, बल्लभगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्र सेन शर्मा के नेतृत्व में विभिन्न स्कूल संचालकों ने मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें स्कूल संचालकों ने सरकार से मांग की हैं कि वर्ष 2020-21 के लिए अस्थाई मान्यता के स्कूलों का एक्सटेंशन पत्र शीघ्र जारी किया जाए। जिससे इन स्कूलों में लगभग 2 लाख बच्चों का बोर्ड में एनरोलमेंट और वर्ष 2020-21 की वार्षिक बोर्ड परीक्षा का फार्म भरा जा सके। इस अवसर पर अध्यक्ष चंद्र सेन शर्मा, महामंत्री सतीश शर्मा सहित प्रमुख स्कूल संचालक मौजूद रहे।
अभिभावकों ने लिखा अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र
फरीदाबाद (हप्र) : हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी जारी है। निजी स्कूल पेरेंट्स को नोटिस भेजकर बड़ी हुई ट्यूशन फीस, कंप्यूटर फीस, एनुअल चार्ज, ट्रांसपोर्ट फीस व अन्य कई फंडों में पैसे मांग रहे हैं और धमकी दे रहे हैं कि अगर 30 नवंबर तक पैसा जमा नहीं कराया तो बच्चे का स्कूल से नाम काट दिया जाएगा। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि इन स्कूलों के पेरेंट्स ने दर्जनों बार एफएफआरसी के चेयरमैन से शिकायत की है लेकिन उन्होंने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। मंच ने अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा डॉ महावीर सिंह को पत्र भेजकर चेयरमैन एफएफआरसी की कार्यशैली की जांच व दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है।