देशपाल सौरोत/हप्र
पलवल, 26 दिसंबर
हरियाणा-उत्तर प्रदेश के पलवल बॉर्डर पर भी किसानों ने अब आर-पार के आंदोलन का ऐलान कर दिया है। यहां केजीपी-केएमपी चौक स्थित नेशनल हाईवे पर पिछले 24 दिनों से धरना दे रहे किसानों का कहना है कि नए कृषि कानूनों को रद्द कराने के बाद ही अब उनका आंदोलन समाप्त होगा और वे सरकार की तानाशाही के आगे नहीं झुकेंगे। ऑदोलन में या तो उनकी जान जाएगी या फिर वे अपने हक को लेकर ही जीत के साथ घर लौटेंगे।
इस बीच शनिवार को इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं विधायक अभय सिंह चौटाला, प्रदेश महासचिव महेन्द्र चौहान, चरखी दादरी से विधायक एवं सांगवान खाप के अध्यक्ष सोमवीर सांगवान, भारतीय किसान यूनियन (अ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल अंबावता, राष्ट्रवादी विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती, वरिष्ठ किसान नेता रतन सिंह सौरोत धरना स्थल पर पहुंचे और किसानों को समर्थन दिया।
‘विधायक दें किसानों का साथ’
सांगवान खाप के प्रधान व सरकार से समर्थन वापस लेने वाले चरखी दादरी के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि आज अन्नदाता सड़क पर अपना हक मांग रहा है तो विधायकों को भी सत्ता का लालच छोड़कर किसानों की आवाज में अपनी आवाज मिलानी चाहिए। वहीं भारतीय किसान यूनियन (अ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल अंबावता ने भी अपनी बात रखी।
आंदोलन में आड़े नहीं आने देंगे आर्थिक तंगी : अभय
इनेलो विधायक अभय चौटाला ने कहा कि किसान अब न झुकेंगे और न डरेंगे तथा अपना हक लेकर ही रहेंगे। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि किसान आंदोलन में आर्थिक तंगी आड़े नहीं आने दी जाएगी। हरियाणा में देश के किसी भी कोने से किसान आएगा तो उसकी हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि इनेलो शुरू से ही किसानों और गांवों की पार्टी है और पूरी तरह से किसानों के साथ है। केन्द्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस करे तो देश का किसान सरकार के खजाने में 36 हजार करोड़ रुपये जमा करवा सकता है। उन्होंने मांग की कि किसान आंदोलन में शहीद होने वाले किसान को शहीद का दर्जा, एक करोड़ मुआवजा, शहीद के परिवार में एक सरकारी नौकरी दी जाए।
महापंचायत : गांवों में भाजपा के नेताओं के प्रवेश पर रोक
भिवानी (हप्र): केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले लोहारू में महापंचायत कर घोषणा की गई कि वे न तो क्षेत्र में सीएम की रैली करने देंगे और न ही भिवानी जिले के मंत्री, सांसद एवं विधायकों को गांवोंं में घुसने देंगे। किसानों ने कहा कि जब तक कानून रद्द नहीं किये जाते भिवानी जिले में जहां भी सीएम की रैली होगी, किसान एक दिन पहले रैली स्थल और हेलीपैड पर कब्जा कर लेंगे। वहीं 27 दिसंबर को सीएम की बहल में होने वाली जल अधिकार रैली को रद्द कर दिया गया है। रैली रद्द करने का कारण 27 दिसंबर को नगर निगम के चुनाव होना बताया गया है।
रेवाड़ी में हाईवे पर ही बसाया गांव
तरुण जैन/रेवाड़ी: कृषि कानूनों का विरोध निरंतर बढ़ता जा रहा है। बावल के दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित राजस्थान बॉर्डर जयसिंहपुर खेड़ा पर इस समय 5-6 हजार किसान हाईवे पर बैठे हुए हैं। पांच राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक व पंजाब के किसानों की संख्या यहां लगातार बढ़ती जा रही है। टेंट गाड़ने के बाद हाईवे एक गांव के रूप में परिवर्तित हो गया है। 20 स्थानों पर खाने-पीने के लंगर चल रहे हैं। रेवाड़ी पुलिस द्वारा सीमा पर तीन स्तरीय सुरक्षा के इंतजामों के चलते किसानों का कूच अभी तक सफल नहीं हो पाया है। लेकिन हरियाणा पुलिस संयम से काम लेते हुए इन किसानों का आगे बढ़ने से रोके हुए है। एनडीए से इस्तीफा देकर किसानों के साथ खड़े हुए आरएलपी के सांसद हनुमान बेनीवाल भी राजस्थान बॉर्डर के करीब पहुंच गए हैं और उन्होंने भी दिल्ली कूच का आह्वान किया है। इधर, कुछ किसानों ने नेशनल हाईवे-71 के गंगायचा टोल को फ्री करा दिया। उन्होंने टोल टैक्स का विरोध करते हुए वाहनों को बिना टॉल दिए रवाना कराया। जैसे ही इसकी सूचना पुलिस को मिली तो वह भी मौके पर पहुंच गई। किसान नेता समयसिंह व कुलदीप सिंह बूढ़पुर ने कहा कि रविवार तक टोल पर किसी वाहन से वसूली नहीं होने देंगे। वहीं हाईवे स्थित बनीपुर चौक पर भी किसानों ने जयपुर से दिल्ली जाने वाले हाईवे को जाम किया हुआ है और भारतीय किसान यूनियन के नेता रामकिशन महलावत के नेतृत्व में धरना देकर बैठे हुए हैं।