रेवाड़ी, 11 दिसंबर (निस)
दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर के निकट पिछले एक साल से चल रहे किसान आंदोलन के कारण यहां सुबह से शाम तक होने वाली चहल-पहल अब वीराने में बदल गई है। बस्ती का रूप ले चुका यह हाइवे किसानों के कब्जे में होने के कारण पिछले एक साल से बंद पड़ा था। यहां धीरे-धीरे वाहनों का आवागमन बढ़ता जा रहा है।
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू होने के बाद किसानों द्वारा उक्त हाइवे पर बनाए गए सुविधाजनक व शानदार आशियाने अब ढह गए हैं। किसान अपना सामान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में डालकर घरों को लौट रहे हैं। किसानों द्वारा यहां छोड़े गये तिरपाल, पाइप, बांस-बल्ली आदि को यहां आसपास रहने वाले गरीब लोग एकत्रित करते दिखाई दिए।
डिवाइडर पर सजा है बगीचा
किसानों ने हाइवे के डिवाइडर को ही बगीचे का रूप दे दिया था। डिवाइडर के बीच में कई किलोमीटर तक मिट्टी डालकर उसमें गाजर, मूली, पालक, मेथी, धनिया, टमाटर आदि लगाये हुए थे। उन्होंने पड़ाव डालते ही जगह-जगह कई तरह के पौधे भी लगाए, जो एक साल में काफी बड़े हो गए हैं।