प्रदीप साहू/निस
चरखी दादरी, 2 जनवरी
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक बार फिर किसानों के पक्ष में उतरे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों पर अगर कोई आंच आएगी तो वे राज्यपाल तो क्या, कोई भी बड़ा पद होगा तो तुरंत छोड़ देंगे। किसानों व समाज के लिए हमेशा तत्पर रहा हूं और हमेशा अग्रणी खड़ा मिलूंगा। किसानों के साथ सरकार को अब ईमानदारी बरतते हुए तुरंत दर्ज केसों को रद्द करके एमएसपी को कानूनी रूप देना होगा। वहीं उन्होंने डाडम पहाड़ हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी उठाई।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को दादरी के रेस्ट हाउस में पहुंचे, जहां पुलिस गार्द द्वारा उन्हें स्लामी दी। इस दौरान उन्होंने लोगों से बातचीत भी की। बाद में फौगाट खाप के स्वामी दयाल धाम पर पहुंचकर माथा टेका। यहां फौगाट खाप ने राज्यपाल के सम्मान में समारोह आयोजित करते हुए खाप प्रधान बलवंत फौगाट द्वारा सम्मानित किया। समारोह में मलिक ने कहा कि उनकी मां दादरी से थी, इसी कारण उनका लगाव ननिहाल से है और यहां के लोगों की एकता मिसाल बनी हुई है। मलिक ने कहा कि समाज को एकजुट रहते हुए अपने हितों के लिए संघर्ष करना चाहिए। पत्रकारों से बातचीत में मेघालय के राज्यपाल ने कहा कि किसान आंदोलन समाप्त नहीं हुआ बल्कि स्थगित हुआ है, अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो फिर से आंदोलन हो सकता है। कृषि कानून रद्द होना किसानों की बड़ी जीत है, एमएसपी को लेकर भी किसान एकजुट रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पहले ही अगाह कर दिया था जब उनकी समझ में आया तो किसान आंदोलन समाप्त हुआ है। मलिक ने कहा कि कितलाना टोल महापंचायत को लेकर कहा कि राजनीति षडय़ंत्र के चलते उन्होंने महापंचायत में हिस्सा नहीं लिया।