रोहतक (हप्र) : भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने आरोप लगाया कि किलोई अनाज मंडी में लगभग 2000 क्विंटल गेहूं बारिश की वजह से खराब हो चुका है और करीब-करीब 11000 क्विंटल की खरीद अभी तक नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि गत सप्ताह उपायुक्त को ज्ञापन देकर मंडी में गेहूं की बर्बादी के बारे में अवगत कराते हुए तुरंत खरीद की मांग की गई थी लेकिन प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया जिससे परेशान होकर मजबूरन बृहस्पतिवार को शहर के अंबेडकर चौक पर भूख हड़ताल की जाएगी। किलोई अनाज मंडी का दौरा करने पहुंचे अनिल नांदल ने कहा कि किसानों की गेहूं की बर्बादी हो रही है एक माह से गेहूं अनाज मंडियों में पड़ा है मगर सरकार कोई खरीद नहीं कर रही। किलोई अनाज मंडी में हजारों क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे खेतों में पड़ा हुआ है। मौसम खराब है, आए रोज आंधी तूफान और बरसात आ रही है मगर प्रशासन किसानों के गेहूं के रखरखाव का भी कोई इंतजाम नहीं कर रहा जिससे गेहूं खराब हो रहा है। गेहूं की खरीद को लेकर पोर्टल चालू करवाने के लिए एक सप्ताह पहले उन्होंने कई गांव के किसानों के साथ उपायुक्त के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर जिला प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने बताया कि इस दौरान भारी संख्या में महिलाएं और किसान गेहूं की ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ पहुंचेंगे ताकि जिला को जगाया जा सके।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।