अम्बाला, 1 मई (निस)
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने रविवार दोपहर बब्याल स्थित महाराणा प्रताप भवन में अखिल भारतीय ब्राहमण महासभा द्वारा आयोजित भगवान परशुराम जन्मोत्सव समारोह में बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि सभी कहते हैं कि भगवान परशुराम गुस्से वाले थे, लेकिन मैं इसे नहीं मानता, जिसमें अच्छाई व बुराई की पहचान करने की क्षमता होगी, उसमें गुस्सा निश्चित होगा। उन्होंने कहा भगवान परशुराम जी के जीवन से यह ज्ञान हमें मिलता है कि गलती करने वाले को सजा मिलनी चाहिए और अच्छे काम करने वाले को पुरस्कार मिलना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने अखिल भारतीय ब्राहत्मण महासभा जिला अम्बाला को अपने कोष से दो रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गलत कार्य पर किसी को माफ नहीं करना यही हमारी संस्कृति और परंपरा है। इसी परंपरा को लेकर परशुराम जी की जयंती हर वर्ष मनाई जाती है कि गलत कार्यों का नाश किया जा सके। भगवान परशुराम का यही संदेश है जो ठीक है, वह ठीक है और जो गलत है, उसे उसकी सजा मिलनी चाहिए।
शास्त्र भी यही कहता है
विज ने कहा कि नीति शास्त्र यहीं कहता है, जितने शास्त्र की पुस्तकें लिखी गई आज तक वह सब यहीं कहती है कि जिसने दंडनीय अपराध किया है उसको दंड देना चाहिए। माफ करने का तो हमारी संस्कृति में कहीं भी लिखा ही नहीं। यदि ऐसा होता तो श्रीराम जी रावण को माफ कर देते और श्रीकृष्ण दुश्शासन को माफ कर देते। उन्होंने कहा कि महाभारत में सारे अपने सामने खड़े थे और एक बार तो पांडवों के सेनापति अर्जुन भी डांवांडोल हो गए थे कि वह अपनों पर तीर कैसें चलाएंगे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि तीर तो चल चुका क्योंकि यह गलत काम कर चुके है।