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कानून बनाते समय पिछले सत्रों में हुई चर्चा, संवाद और डिबेट का भी अध्ययन जरूरी : ओम बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ने हरियाणा विधानसभा के ओरिएंटेशन कार्यक्रम में दी सलाह
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चंडीगढ़ में शुक्रवार को हरियाणा विस में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला प्रबोधन कार्यक्रम के दौरान अपने विचार रखते हुए। इस दौरान विस अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण, सीएम नायब सैनी व अन्य गणमान्य मौजूद रहे। -रवि कुमार
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चंडीगढ़, 14 फरवरी (ट्रिन्यू)

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा है कि लेजिस्लेटिव ड्राफ्ट बनाते समय सदस्यों के सकारात्मक सुझाव होने चाहिएं। कई बार ड्राफ्ट में कमी रहने के कारण सरकार की कार्यप्रणाली और जनता पर इसका प्रभाव पड़ता है, इसलिए ये प्रारूप सदस्यों को परिचालित होने चाहिए ताकि सदस्यों के अनुभव से उसे और बेहतर बनाया जा सके। ओम बिरला शुक्रवार को चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा द्वारा विधायकों के लिए शुरू किए गए दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद हरियाणा के विधायकों को संबोधित कर रहे थे।

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कार्यक्रम में पंजाब व उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्षों ने भी भाग लिया। बजट का हवाला देते हुए ओम बिराला ने कहा कि विधानसभा कमेटियों को नए बजट से पहले पिछले बजट का रिव्यू करके यह पता लगाना चाहिए कि बीते एक साल में किस क्षेत्र के बजट में सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिला है। इस रिव्यू के आधार पर वित्त मंत्रालय अपने बजट में बदलाव कर सकता है। विधायकों को विधानसभा नियम व प्रक्रिया का अध्ययन करने की अपील करते हुए ओम बिरला ने कहा कि विधानसभा में किसी प्रकार का कानून बनाते समय उस पर अधिक से अधिक चर्चा करनी चाहिए ताकि जनता के हित में उसे प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि एक प्रभावी कानून बनाते समय पिछले सत्रों में हुई चर्चा, संवाद और डिबेट का भी अध्ययन करने की आवश्यकता है। इसलिए यह प्रयास किया जा रहा है कि पिछली विधानसभा में कानून बनाते समय नीति निर्माण, योजनाओं के समय जो भी चर्चाएं, संवाद हुआ है, उनका एक डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाए।

सभी राज्यों की विधानसभाओं का यह डिजिटल रिकॉर्ड एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा, जिसका सभी सदस्य अध्ययन कर सकते हैं और अपने सार्थक सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद संसद सहित राज्यों की विधानसभाओं द्वारा नए कानून बनाने का कार्य किया है। अंग्रेजों के जमाने के अनावश्यक कानूनों को हटाया है। वर्तमान आवश्यकता अनुरूप नए कानून बनाये हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रयास किया जा रहा है कि पिछली विधानसभा में कानून बनाते समय नीति निर्माण, योजनाओं के समय जो भी चर्चाएं, संवाद हुआ है, उनका एक डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाए। सभी राज्यों की विधानसभाओं का यह डिजिटल रिकॉर्ड एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा, जिसका सभी सदस्य अध्ययन कर सकते हैं और अपने सार्थक सुझाव दे सकते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लेजिस्लेटिव ड्राफ्ट बनाते समय सदस्यों के सकारात्मक सुझाव होने चाहिएं।

विचारधारा से होगा राष्ट्र निर्माण : कल्याण

विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित होने के बाद एक राजनेता की भूमिका बदल जाती है, इसलिए सभी जनप्रतिनिधियों को अपनी-अपनी विचारधारा से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण, प्रदेश की प्रगति और जनकल्याण की सोच के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। इसी दौरान उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा में विभिन्न विभागों की समितियों की तरह युवाओं की अलग से समिति बनाएंगे। कल्याण ने कहा कि पर्यावरण व युवाओं को नशे से दूर रखना एक महत्वपूर्ण विषय है। यह समिति सरकार के साथ मिलकर इन विषयों को आगे बढ़ाएगी और इन क्षेत्रों में युवाओं के उज्जवल भविष्य की दृष्टि से तथा वातावरण के क्षेत्र में सुधार की तरफ कार्य करेगी।

सदन की गरिमा की रक्षा जरूरी : महाना

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि विधानमंडल का सदस्य होना गौरव की बात है। हमारा सम्मान व प्रतिष्ठा विधान मंडल का सदस्य होने से है। इसलिए निर्वाचित सदस्यों को सदन की गरिमा की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदस्यों को कभी भी ऐसे बर्ताव या ऐसा आचरण नहीं करना चाहिए, जिससे विधायी संस्थाओं पर प्रश्न चिह्न लगे। सदस्यों को विधायी संस्थाओं का सम्मान करते हुए अपना आचरण जनता के हित में करना चाहिए। जनता हमें जनप्रतिनिधि के रूप में चुनती है, ताकि हम सभी मिलकर प्रदेश हित का काम करें। प्रबोधन कार्यक्रम को हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ़ कृष्ण लाल मिड्ढा ने संबोधित करते हुए सदन व समितियों को प्रभावी बनाने पर जोर दिया। रोहतक विधायक भारत भूषण बतरा ने भी समारोह को संबोधित किया।

विधानसभा परिसर का मुद्दा भी उठा

ओरिएंटेशन कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में हरियाणा के हिस्से को कथित रूप से पंजाब द्वारा दबाए जाने का मुद्दा भी उठाया। इससे जुड़े सवाल पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों राज्यों में विधानसभा भवन में भागीदारी को लेकर आपस में मिल-बैठकर समाधान निकालना चाहिए। यहां बता दें कि पंजाब व हरियाणा के बीच 60:40 के अनुपात में बंटवारा प्रदेश के गठन के समय हो गया था। पंजाब विधानसभा के पास हरियाणा के हिस्से के 20 से अधिक कमरे अभी भी हैं। यह मामला पहले भी कई बार उठ चुका है। तत्कालीन स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता इस संदर्भ में पंजाब के स्पीकर को पत्र लिख चुके हैं।

मैं के भाव से नहीं हम के भाव से चलेगा सदन : नायब

कार्यक्रम में सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि विधायिका लोकतंत्र का एक मजबूत स्तंभ है और सभी सदस्यों का कर्तव्य है कि इसे और अधिक सशक्त बनाएं। निर्वाचित सदस्यों की भूमिका केवल कानून बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि सभी सदस्यों को अपने क्षेत्र के नागरिकों की आवाज को बुलंद करने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी प्रयास करने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि सदन को ‘मैं’ के भाव से नहीं ‘हम’ के भाव से चलाया जाएगा। हर सदस्य की बात को गंभीरता से लिया जाएगा। सीएम ने कहा कि हम पक्ष-विपक्ष के सदस्य बाद में हैं, पहले सदन के सदस्य हैं और पूरे प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

14वीं विस में 74 बैठकें

सीएम ने कहा कि 14वीं विधानसभा में 16 सत्रों में 76 सीटिंग हुईं। इससे पहले भी 13वीं विधानसभा में 15 सत्र और 84 सीटिंग, 12वीं विधानसभा में 11 सत्र और 56 सीटिंग, 11वीं विधानसभा में 12 सत्र और 70 सीटिंग तथा 10वीं विधानसभा में 14 सत्रों में 66 सीटिंग हुई थी। सदन में यह सकारात्मक माहौल केवल इसलिए संभव हुआ है कि सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी सदन को चलाने में रुचि दिखाई है। अब 15वीं विधानसभा में भी हम सब इसी प्रकार प्रदेश हित में खुलकर सकारात्मक चर्चा करेंगे और एक-दूसरे की बात को सम्मान देंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन संवाद में शालीनता और सकारात्मकता बनी रहनी चाहिए।

बिरला ने की सीएम की तारीफ

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। चाहे ढांचागत विकास की बात हो, सामाजिक व आर्थिक परिदृश्य की बात हो, आज हर क्षेत्र में हरियाणा प्रगति कर रहा है। हरियाणा की अपनी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत के साथ-साथ खिलाड़ियों, स्वतंत्रता सेनानियों और वीरता का गौरवशाली इतिहास रहा है। छोटा सा राज्य होने के बावजूद हरियाणा ने सदैव देश दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि एक प्रभावी कानून बनाते समय पिछले सत्रों में हुई चर्चा, संवाद और डिबेट का भी अध्ययन करने की आवश्यकता है।

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