दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 5 मई
हरियाणा के आईटीआई यानी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में इन दिनों स्किल डेवेलपमेंट (कौशल विकास) पर जोर है। युवाओं के लिए ऐसा पाठ्यक्रम तैयार हो रहा है, जिसकी मार्केट में डिमांड है और प्लेसमेंट की 100 प्रतिशत तक संभावनाएं हैं। लेकिन ये हसीन सपने अभी तक ‘कागजी ख्वाबों’ में ही हैं, धरातल पर उतरने में इन्हें लंबा वक्त लगता नज़र आ रहा है। स्थिति यह है कि आईटीआई में 57 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं।
प्रदेश में कुल 180 सरकारी और 76 प्राइवेट आईटीआई हैं। इनमें दो दर्जन से अधिक ट्रेड चल रहे हैं। आधा दर्जन से अधिक नये ट्रेड की शुरुआत प्रदेश सरकार ने स्किल डेवेलपमेंट के तहत की है। प्राइवेट कंपनियों व फैक्टरियों की डिमांड के हिसाब से नये कोर्स शुरू तो हुए हैं, लेकिन इनके लिए स्टाफ नहीं है।
मैकेनिकल, इलेक्िट्रशियन, कारपेंटर, प्लंबर, डीजल मैकेनिक, फिटर, मोटर व्हीकल मेकैनिक सहित कई ऐसे ट्रेड हैं, जिनके जरिये युवाओं को रोजगार भी मिल सकते हैं और वे खुद का काम भी शुरू कर सकते हैं। इनसे जुड़े स्टाफ की 70 प्रतिशत से अधिक पोस्ट खाली हैं। प्रदेश की आईटीआई में क्लास-वन से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के कुल 8021 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 3330 ही भरे हुए हैं, जबकि 4710 पद खाली हैं। 1444 पदों पर कांट्रेक्ट स्टाफ कार्यरत है।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को 3048 अलग-अलग पदों पर भर्ती के लिए डिमांड भेजी हुई है। इसी तरह से क्लास-वन और टू के 844 पदों पर भर्ती के लिए हरियाणा लोकसेवा आयोग को डिमांड भेजी हुई है। भर्तियां हो नहीं रही हैं, जबकि स्टाफ लगातार कम हो रहा है। इस साल 31 दिसंबर तक 107 अधिकारी-कर्मचारी रिटायर होंगे। कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री मूलचंद शर्मा ने इस मुद्दे को लेकर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की है।
अहम हैं ये पोस्ट भरना : आईटीआई में थ्योरी से अधिक प्रैक्टिकल पर जोर रहता है। टर्नर के 199 पदों में से 158, वेल्डर के 228 स्वीकृत पदों में से 138, फिटर के 320 में से 265, मेकैनिकल आरएसी के 172 पदों में से 144, इलेिक्ट्रशियन के 395 पदों में से 313, कारपेंटर के 80 में से 56, डीजल मैकेनिक के 78 में से 65, मैकेनिक मोटर व्हीकल के 126 में से 83, टूल एंड डाई मेकर के 16 में से 13 पद रिक्त हैं। वायरमैन के 154 में से 102 पद खाली हैं। महज 52 ही वायरमैन विभाग में कार्यरत हैं।
इसी तरह, इंग्लिश स्टेनोग्राफर के लिए 69 पद स्वीकृत हैं और इनमें से महज 19 भरे हुए हैं। हिंदी स्टेनोग्राफर की 61 में से 43 पोस्ट खाली हैं। वर्कशॉप कैलकुलेशन एंड साइंस के 288 पदों में से 264 और इंजीनियरिंग ड्राइंग इंस्ट्रक्टर के 257 पदों में से 239 खाली पड़े हैं।
ज्यादातर मशीनरी पुरानी : आईटीआई में प्रैक्टिस के लिए बरसों पुरानी मशीनें हैं। प्राइवेट सेक्टर अब नयी तकनीक पर काम कर रहा है। ऐसे में आईटीआई के युवाओं को भी मौजूदा मशीनरी के हिसाब से ही ट्रेंड करने की जरूरत है। विभाग के मंत्री मूलचंद शर्मा ने पिछले दिनों आला अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आधुनिक मशीनरी खरीदने के आदेश दिए हैं।
एक भी प्लेसमेंट ऑफिसर नहीं प्रदेश के सभी 22 जिलों में अप्रेंटिसशिप प्लसमेंट ऑफिसर का एक-एक पद है। हैरानी की बात यह कि एक भी जिले में प्लेसमेंट अधिकारी नहीं है। ऐसे में कोर्स पूरा करने के बाद कैसे युवाओं की प्लेसमेंट होगी, इसका कोई जवाब सरकार के पास नहीं है। इसी तरह जिला वोकेशनल शिक्षा अधिकारियों के पांच में से चार पद खाली हैं। टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर में प्रिंसिपल के छह पदाें में से पांच खाली हैं। ग्रुप इंस्ट्रक्टर, अप्रेंटिसशिप सुपरवाइजर, सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट व जूनियर अप्रेंटिसशिप एंड प्लेसमेंट ऑफिसर के कुल 560 स्वीकृत पदों में से 395 ही भरे हुए हैं। 165 अधिकारियों की अभी जरूरत है।
खाली पद भरने के लिए हरियाणा लोकसेवा आयोग व कर्मचारी चयन आयोग को डिमांड भेजी जा चुकी है। कुल 3892 पदों पर भर्ती होगी। यह बात सही है कि मशीनरी पुरानी हो चुकी है। नयी और आधुनिक सुविधाओं से लैस मशीनों की खरीद का निर्णय किया गया है। प्रदेश की आईटीआई में इंडस्ट्री बेस्ड कोर्स शुरू होंगे, ताकि युवाओं की प्लेसमेंट आसानी से हो सके। मारुति, होंडा सहित कई कंपनियों के साथ एमओयू भी किया गया है।
-मूलचंद शर्मा, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री