जब एक ही परिवार से दो सदस्य रण में उतरे तो दोनों हारे
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 1 अप्रैल
हरियाणा में जब भी एक परिवार के दो सदस्य एक साथ लोकसभा चुनावों के दंगल में उतरे हैं तो दोनों को हार का सामना करना पड़ा।
दोनों मौकों पर एक परिवार के दोनों सदस्यों को हार का मुंह देखना पड़ा। पहली बार 2004 के लोकसभा चुनाव में पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के दोनों बेटे अजय सिंह चौटाला और अभय सिंह चौटाला लोकसभा चुनावों के दंगल में उतरे थे। अजय सिंह चौटाला ने भिवानी और अभय सिंह चौटाला ने कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था और दोनों भाई बुरी तरह से पराजित हुए थे।
इन चुनावों में कांग्रेस ने रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा और सोनीपत से उनके पिता पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को चुनावी दंगल में उतारा। दोनों हेवीवेट उम्मीदवार माने गए थे। मगर दोनों को हार का सामना करना पड़ा था। हुड्डा को सोनीपत से भाजपा उम्मीदवार रमेश कौशिक ने पराजित किया था तो रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा को भाजपा प्रत्याशी अरविंद शर्मा ने हराया था।
भले ही, अब तक प्रदेश से कभी भी किसी परिवार के दो सदस्य एक साथ लोकसभा चुनावों के दंगल में उतरकर चुनाव नहीं जीत पाए हैं। मगर इस खराब और डराने वाले ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद देवीलाल परिवार के दो सदस्य अभी आगामी लोकसभा चुनावों के दंगल में ताल ठोक चुके हैं। अभय चौटाला कुरुक्षेत्र से इनेलो टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा ने देवीलाल पुत्र चौ. रणजीत सिंह को हिसार से चुनावी रण में उतारा है। इनेलो टिकट पर सुनैना चौटाला भी हिसार से चुनाव लड़ सकती हैं। वहीं हिसार से जजपा सुप्रीमो डॉ. अजय सिंह चौटाला के परिवार से भी किसी एक सदस्य का आना तय माना जा रहा है। 2014 में हिसार से इनेलो टिकट पर दुष्यंत चौटाला सांसद निर्वाचित हुए थे।