नरेश कुमार चौपटा/निस
ऐलनाबाद, 3 जुलाई
बीमा क्लेम व मुआवजे की मांग को लेकर पिछले 2 महीने से चल रहे किसान आंदोलन में सोमवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता किसान नेता राकेश टिकैत की अध्यक्षता में किसान मजदूर महापंचायत आयोजित कर बड़ा फैसला लिया। नाथूसरी चौपटा तहसील कार्यालय पर तालाबंदी का फैसला लिया। किसानों का कहना है कि जब तक खरीफ -2022 का बीमा उनके खातों में नहीं आएगा, तब तक तहसील का ताला नहीं खोला जाएगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की कई मांगों को लेकर एक बार पुनः आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब मौसम ठंडा होगा तो आंदोलन गर्म होगा।
नाथूसरी चौपटा तहसील कार्यालय परिसर में चल रहे बीमा क्लेम व मुआवजे की मांग को लेकर किसानों के धरने के 2 महीने बाद किसानों ने एक महापंचायत आयोजित कर बड़ा फैसला लिया। जिसमें क्षेत्र के हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों पर चढ़कर रैली स्थल पर पहुंचे और सरकार को जमकर कोसा। किसान महापंचायत में राकेश टिकैत रैली स्थल पर खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे। इस दौरान मंच पर अमन बैनीवाल, भरत सिंह झाझड़ा, नरेंद्र पाल, सरपंच संतोष बैनीवाल, रीटा कासनिया, सुमित बैनीवाल, दीवान दीवान सहारण, सहित कई किसानों ने पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने बीमा कंपनियों को जो लाइसेंस दिए हैं वह किसानों को बीमा क्लेम देने के लिए नहीं है बल्कि कंपनियों के मालिकों के घर भरने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी का नाम लेकर लगातार किसानों को ठग रही है।
किसान नेता रत्न मान ने कहा कि अगर सरकार किसानों का काम रोकेगी तो किसान सरकार का काम रोक देंगे। युवा प्रदेश अध्यक्ष किसान नेता रवि आजाद ने कहा कि किसान खरीफ 2022 की फसल खराबे का बीमा क्लेम की मांग को लेकर 2 महीने से बैठे हैं। यह 750 करोड रुपए का मामला है। 750 करोड़ रुपए बीमा कंपनियों से निकलवाने की किसान लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन सरकार किसानों की मांगों को अनदेखा कर रही है। सरपंच एसोसिएशन की प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष बैनीवाल, सरपंच रीटा कासनियां ने कहा कि किसानों की लड़ाई में हर कदम पर उनके साथ रहेंगे। किसानों के समर्थन में नाथूसरी चौपटा के दुकानदारों ने पूरे दिन दुकानें बंद रखी।