नारनौंद, 23 अप्रैल (निस)
मंगलवार की शाम को अचानक तेज आंधी के साथ बारिश आ गई जिसके कारण मंडी में पड़ा किसानों का अनाज भीग गया। बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। पहले भी ओलावृष्टि के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा जिसका मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया है।
किसान कुलदीप, अमरजीत, जयवीर, बलबीर, रामपाल, राजकुमार नंबरदार इत्यादि ने बताया कि बारिश के कारण अनाज मंडी में फसल भीग गई है क्योंकि मंडी में जो शैड है उसके नीचे पहले ही भारी मात्रा में गेहूं रखी हुई थी। किसानों का कहना है कि पिछले काफी दिनों से मंडी में उठान का कार्य नहीं चल रहा जिस कारण किसानों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। शाम को जो बारिश हुई, जिससे फसल भीग गई है। अब सूखने के बाद ही यह फसल बेची जा सकेगी। उनका कहना है कि अगर मंडी में इसको रखने के उचित प्रबंध होते तो फसल नहीं भीग पाती। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी दावे फेल हो गये हैं।
‘आढ़ती तिरपाल से फसल कवर नहीं करते तो होगी कार्रवाई’
जींद (जुलाना), (हप्र) : मंंगलवार दोपहर को हुई बारिश के चलते जुलाना की नई अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया। प्रशासन के मंडी में पुख्ता प्रबंध किये जाने के दावे भी बारिश के पानी में बहते नजर आये। जुलाना की नई अनाज मंडी में इन दिनों गेहूं की आवक जोरों पर हैं। किसान गेहूं की फसल को बेचने के लिए ट्रैक्टर ट्रालियों के माध्यम से मंडी में ला रहे हैं। मंडी में आवक तेज होने के कारण भराई, तुलाई का कार्य ढीला पड़ रहा हैं। इसके साथ ही उठान का कार्य भी धीमी गति हो रहा हैं। जिस कारण मंडी के आढ़तियों द्वारा गेहूं की बोरियों का उठान नहीं होने से मंडी में गेहूं डालने की जगह ही नहीं बची। कई आढ़तियों ने खाली प्लाटों में भी गेहूं डलवा रखी है। वह भी आज बारिश में भीग गई। वहीं, जुलाना मार्केट कमेटी के सचिव रामजीलाल का कहना था कि आढ़तियों को पहले ही खुले में पड़े गेहूं पर तिरपाल ढकने के बारे में अवगत करवाया गया था। आढ़तियों को चाहिए कि वे गेहूं की फसल खराब न हो इसके लिए उठान होने तक गेहूं को तिरपाल से कवर किया जाए।