पानीपत, 7 अप्रैल (निस)
पानीपत अनाज मंडी में गेहूं की आवक तेज हो गई है। पानीपत व बाबरपुर अनाज मंडियों व बबैल खरीद केंद्र पर बृहस्पतिवार दोपहर तक 8,800 क्विंटल गेहूं की खरीद हुई है। गेहूं की आवक बढ़ने से अनाज मंडी में गेहूं की बोरियों के ढेर लगने शुरू हो गये है। आढ़तियों ने कहा कि खरीद एजेंसियों द्वारा गेहूं का उठान भी शुरू करवाना चाहिये। मार्किट कमेटी की सचिव आशा रानी व सहायक सचिव मोहित कुमार ने बताया कि पानीपत अनाज मंडी में गेहूं की खरीद सुचारू रूप से चल रही है। किसानों का 12 प्रतिशत नमी तक वाला गेहूं खरीदा जा रहा है। किसानों व मजदूरों के लिये अनाज मंडी में पीने के पानी के लिये पांच वाटर कुलर लगवाये गये है। पानीपत अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान धर्मबीर मलिक व उपप्रधान दूलीचंद ने बताया कि खरीद एजेंसियों को गेहूं का उठान जल्द शुरू करना चाहिये। उठान जल्द ही शुरू नहीं किया तो अनाज मंडी में गेहूं डालने के लिये जगह कम पड़ जाएगी। जिन किसानों के गेहूं की खरीद दो-तीन दिन पहले हो चुकी है तो उनकी पेमेंट भी सरकार को देनी शुरू करनी चाहिये।
लुखी खरीद केंद्र पर गेहूं की आवक, किसानों ने बांटे लड्डू
कुरुक्षेत्र (हप्र) : लुखी खरीद केंद्र पर बृहस्पतिवार को गेहूं की आवक हुई। जननायक जनता पार्टी के युवा जिलाध्यक्ष व शुगरकेन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य डाॅ. जसविंद्र खैहरा ने लड्डू बांटकर खरीद शुरू करवाई। डाॅ. जसविंद्र खैहरा का किसानों ने जोरदार स्वागत किया। किसानों ने लुखी में खरीद केंद्र बनाने पर खुशी जताई और कहा कि दूर मंडी में फसल ले जाने का रिस्क कम हुआ है। इस खरीद केंद्र से पहले किसान 25 किलोमीटर दूर शहर जाकर फसल बेचते थे।
इस मौके पर सतीश राणा, बल्ली राणा, बलविंद्र, नीरज भारद्वाज, लवप्रित, साहब सिंह, सुशील राणा, राकेश कुमार, खुशदीप सिंह व अन्य किसान मौजूद रहे। बता दें कि डा. जसविंद्र खैहरा के प्रयासों से 40 साल से बन्द लुखी खरीद केंद्र पर गेंहू की खरीद शुरू हो गई है।
मुस्तफाबाद में भी सुविधाओं की कमी
मुस्तफाबाद (निस) : अनाज मंडी में 2 अप्रैल से सरकारी खरीद शुरू हो गई थी। मार्केट कमेटी के सुपरवाइजर मांगेराम ने बताया कि अब तक मंडी में 10,500 क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है। आढ़तियों ने कहा कि उठान कार्य धीमी गति से चल रहा है और उन्होंने उठान कार्य शीघ्र करवाने की मांग की। सुविधाओं की कमी : आढ़तियों जसबीर सिंह, कर्म सिंह, अमन, जॉनी, दीपक ने बताया कि निकासी नहीं होने के कारण अनाज मंडी में सीवरेज का पानी सड़क पर बहता रहता है, जिससे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आढ़तियों ने मांग की है कि इसे जल्द से जल्द ठीक करवाया जाए। उन्होंन कहा कि यहां सुविधाओं की कमी है। मंडी में कोई शेड नहीं हैं, पक्के फड़ नहीं बनाए गए। मुख्य सड़क भी अधूरी छोड़ दी गई है और कोई चारदीवारी, कोई रेस्ट हाउस नहीं है। आवारा पशु घूमते हैं।