गोहाना, 15 अप्रैल (निस)
केवल एक दिन की अवस्था में जैन संतों को सुपुर्द कर दिए गए नवजात बालक श्रेष्ठ सुंदर जैन के कुआं पूजन की रस्म एक महोत्सव के रूप में आयोजित की गई। जैन संतों की उपस्थिति में सम्पन्न समारोह में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रेष्ठ सुंदर जैन का जन्म 4 मार्च को रिंढ़ाणा गांव में हुआ। नवजात को 5 मार्च को ही परिवार गोहाना में जैन संतों के चरणों में समर्पित कर गया। शेर-ए-हिंद के खिताब से अलंकृत सुंदर मुनि वर्तमान में जैन धर्म के सबसे बड़े संत गच्छाधिपति प्रकाश चंद जी महाराज के साथ गोहाना में प्रवास कर रहे हैं।