Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

आर्य समाज में साप्ताहिक सत्संग व हवन-यज्ञ का आयोजन

नरवाना, 10 नवंबर (निस) आर्य समाज नरवाना में साप्ताहिक सत्संग व हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर धर्मपाल एवं यशपाल आर्य ने ईश्वर स्तुति, वंदना, प्रार्थना, भक्तिमय आराधना के साथ क्रांतिकारी बलिदानियों के राष्ट्र निर्माण में बलिदान का...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
नरवाना स्थित आर्य समाज में आयोजित हवन-यज्ञ में मौजूद लोग। -निस
Advertisement

नरवाना, 10 नवंबर (निस)

आर्य समाज नरवाना में साप्ताहिक सत्संग व हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर धर्मपाल एवं यशपाल आर्य ने ईश्वर स्तुति, वंदना, प्रार्थना, भक्तिमय आराधना के साथ क्रांतिकारी बलिदानियों के राष्ट्र निर्माण में बलिदान का यशोगान किया। मिथिलेश शास्त्री ने कहा कि भारतीय जीवन शैली में पवित्रता, शांति और प्रेम आत्म उद्धार के साथ संपूर्ण प्राणी जगत के लिए सर्वहितकारी नियम है। भारतीय सामाजिक सांस्कृतिक परंपराएं पर्यावरण और प्रकृति में संतुलन पर आधारित हैं। पर्यावरण संतुलन में प्राकृतिक कृषि एवं पशुपालन का सर्वाधिक योगदान है। वर्तमान समय में भारतीय युवा पीढ़ी को शास्त्र और शस्त्र ज्ञान दोनों को ग्रहण करने के लिए वैदिक गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति अनिवार्य हो गई है। आर्य समाज प्रधान चंद्रकांत आर्य ने कहा कि गुरुकुल शिक्षा पद्धति में चरित्र से व्यक्ति,व्यक्ति के समाज और समाज से राष्ट्र निर्माण के लिए सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य, शौच, तप, संयम, स्वाध्याय ,ईश्वर परणिदान इत्यादि यम-नियमों का अनुपालन करना चाहिए। शारीरिक मानसिक और बौद्धिक क्षमता में वृद्धि के लिए आसन, प्राणायाम एवं प्रत्याहार का अभ्यास करना प्रत्येक ब्रह्मचारी के लिए अनिवार्य है। योगी, संन्यासी एवं तपस्वी के लिए धारणा, ध्यान एवं समाधि में लीनता जीवन में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्ति के लिए अनिवार्य है। आर्य समाज प्रधान चंद्रकांत आर्य ने कहा कि आर्य समाज के महान विद्वान संन्यासी एवं बलिदानियों ने भारतीय वैदिक शिक्षा पद्धति से समाज राष्ट्र की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक एवं राजनीतिक उन्नति के लिए सर्वाधिक योगदान दिया। इस अवसर पर वेदपाल आर्य, बलजीत सिंह,राजवीर, किताब सिंह, संजीव एवं अन्य उपस्थित रहे।

Advertisement

Advertisement
Advertisement
×