दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 फरवरी
हरियाणा के शहरी स्थानीय निकायों नगर निगमों, नगर परिषदों एवं नगर पालिकाओं को अब अपने पांव पर खड़ा होना होगा। निकायों को अपनी आय के स्रोत बढ़ाने होंगे। बेशक, सरकार निकायों के लिए तय करने वाला सालाना बजट में एक प्रतिशत का इजाफा करेगी, लेकिन अब निकायों को केवल जरूरी खर्चों के लिए ही फंड मिलेगा। बाकी का प्रबंध खुद निकाय करेंगे।
बुधवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को स्पष्ट तौर पर कहा कि वे खुद को सक्षम बनाएं। बजट पर चर्चा और सुझावों को लेकर सीएम ने बुधवार को चंडीगढ़ में विभाग के अधिकारियों एवं निकायों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ़ कमल गुप्ता भी मौजूद रहे।
अहम बात यह है कि बैठक में जब अधिकारियों ने टैक्स में बढ़ोतरी का सुझाव दिया तो सीएम ने इसे भी सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने दो-टूक कहा, लोगों पर किसी तरह का बोझ नहीं डाला जाएगा। बैठक में निकायों की आय बढ़ाने के लिए नई विज्ञापन नीति बनाने का भी निर्णय लिया गया। यह नीति विभाग के अधिकारी जल्दी बनाएंगे ताकि आगामी वित्तीय वर्ष से इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने सभी नगर निगमों, नगर परिषदों एवं नगर पालिकाओं को बजट तैयार कर प्रस्ताव भेजने को कहा है। साथ ही, उन्हें कहा है कि वे आय बढ़ाने की योजनाएं भी बनाएं ताकि उन पर अमल हो सके। कुल बजट का छह प्रतिशत पिछले साल सरकार ने निकायों के लिए रखा था। इस साल इसमें एक प्रतिशत की बढ़ोतरी के संकेत भी सीएम ने दिए। सरकार की ओर से वेतन-भत्तों, पेंशन, बिजली-पानी के बिल व भवनों के किराये जैसी जरूरी सेवाओं के लिए फंड देने की बात कही है। यहां बता दें कि स्टेट फाइनेंस कमीशन के माध्यम से निकायों को बजट मिलता है। कमीशन ने सुझाव दिया है कि जिन निकायों की आर्थिक स्थित खराब है, उनके लिए दो प्रतिशत फंड रिजर्व रखा जाए और सरकार इसे अपने कंट्रोल में ले। जमीनों की रजिस्ट्री पर दो प्रतिशत स्टॉम्प ड्यूटी भी निकायों को मिलती है। इसी तरह से बिजली के बिलों पर भी दो प्रतिशत सरचार्ज लगता है, जो निकायों को विकास कार्यों के लिए मिलता है। सीएम ने कहा, 74वें संविधान संशोधन में शहरी निकायों व पंचायती राज संस्थाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने की व्यवस्था की है। इसमें 18 काम ऐसे हैं, जो ये संस्थाएं स्वयं कर सकती हैं। इससे उनकी आय बढ़ेगी। सरकार राज्य में शहरी निकायों की आय में बढ़ोतरी के लिए जल्द ही राज्य स्तरीय विज्ञापन पॉलिसी बनाएगी। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले फंड भी शहरी निकायों को दिए जाते रहेंगे, लेकिन यह तय है कि उन्हें अपने बजट का बंदोबस्त करने के लिए खुद की योजनाएं तैयार करनी होंगी।
बजट के बाद होंगे निकायों के चुनाव
दो मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। सीएम 7 या 8 मार्च को वार्षिक बजट पेश कर सकते हैं। प्रदेश में 55 के करीब निकायों के चुनाव लंबित हैं। बजट सत्र के बाद ये चुनाव करवाए जा सकते हैं। बैठक में निकाय मंत्री डॉ़ कमल गुप्ता की मौजूदगी में कुछ अधिकारियों ने टैक्स बढ़ाने का सुझाव दिया तो सीएम ने साफ कहा कि लोगों पर टैक्स का बोझ डालकर आय नहीं बढ़ाएंगे। निकायों को 15 फरवरी से 28 फरवरी तक बजट प्रस्ताव और योजनाएं भेजने को कहा है।
इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल लांच
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अधिकारियों को कहा है कि इंजीनियरिंग कार्यों से जुड़े सभी टेंडर अब एचईडब्ल्यू (हरियाणा इंजीनियरिंग पोर्टल) पर ही लगेंगे। पोर्टल लांच करने के बाद सीएम ने कहा, सिविल इंजीनियरिंग विंग वाले सरकारी विभागों बोर्ड-निगमों को बृहस्पतिवार से इसी पोर्टल के जरिये टेंडर के कार्य शुरू करने होंगे। इन विभागों में सिंचाई, पीडब्ल्यूडी, पब्लिक हेल्थ, शहरी स्थानीय निकाय, विकास एवं पंचायत, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, हरियाणा पुलिस आवास निगम आदि विभाग शामिल है।