अम्बाला, 12 जुलाई (निस)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि रिहायशी इलाकों व खेतों से पानी की निकासी जल्द की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने भारी बारिश के बाद जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों का बुधवार को जायजा लेने के लिए 5 जिलों का हवाई सर्वे किया। इसके बाद, उन्होंने अम्बाला में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की और जिले में बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि अपने-अपने जिलों में माली नुकसान का आकलन करें। जिन गरीब परिवारों के घरों का नुकसान हुआ है, उन्हें तुरंत सरकार की ओर से मदद पहुंचाई जाए। आपदा प्रबंधन फंड से भी सहायता दी जाएगी।
सीएम ने कहा कि पानी की निकासी के लिए यदि प्रशासन को और अधिक पंपों की आवश्यकता है तो वे तुरंत अपने स्तर पर व्यवस्था करें या मुख्यालय को सूचित करें। पानी की निकासी के बाद इलाकों में सफाई व्यवस्था पर जरूर ध्यान दिया जाए। नागरिकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े यह जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अधिकारी फील्ड में उतरकर कार्य करें। आपात सेवाओं जैसे बिजली व पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें। सीएम ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी इलाकों में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करें। जहां पलाइपलाइन से जलापूर्ति अभी संभव नहीं है, उन इलाकों में पानी के टैंकरों की सप्लाई सुनिश्चित करें।
प्रशासन मुस्तैद : विज
बैठक में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि निचले इलाकों से पानी की निकासी जल्द करें। पानी के टैंकरों की आपूर्ति के लिए भी एक सिस्टम तैयार किया जाए।
240 गांव प्रभावित
सीएम ने कहा कि सरकार ने पशुओं के चारे की व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों से चारे की व्यवस्था करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक बारिश से 240 गांवों के प्रभावित होने की सूचना है। इसलिए इन गांवों में बीमारियों के बढ़ने की भी संभावना है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बाढ़ प्रभावित इलाकों में 2 से 3 दिनों के लिए विशेष कैंप लगाकर लोगों को दवाइयां उपलब्ध करवाएं।
बचाव कार्य युद्धस्तर पर
सीएम ने कहा कि औसत से अधिक बारिश होने तथा हिमाचल, पंजाब से भी पानी आने के कारण प्रदेश में बाढ़ के हालात बन गए हैं। कहीं-कहीं तो वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है। बारिश से 7 जिले अंबाला, पचंकूला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, पानीपत और कैथल अधिक प्रभावित हुए हैं। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि अभी मानसून सीजन बाकी है, इसलिए आगे के लिए अभी से तैयारी रखें। राहत बचाव कार्याें के प्रबंधों के साथ साथ सीवरेज व्यवस्था दुरुस्त रखें।