हरियाणा में शुरू होगा ‘वॉटर सिक्योर हरियाणा’ कार्यक्रम
विश्व बैंक के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने इस पहल को केवल एक सिंचाई परियोजना नहीं, बल्कि हरियाणा को देश का पहला जल सुरक्षित राज्य बनाने की रूपरेखा बताया।
यह कार्यक्रम 18 जिलों में फैले 14 रणनीतिक सिंचाई क्लस्टरों में सीधे तौर पर लागू किया जाएगा, जो कुल 3,63,546 हेक्टेयर कृषि योग्य कमांड एरिया (सी सी ए) को कवर करेगा। इसी तर्ज पर शेष जिलों को नाबार्ड, राज्य बजट या अन्य एजेंसियों के माध्यम से शामिल किया जाएगा। हालांकि भौतिक हस्तक्षेप विशेष क्लस्टरों पर केंद्रित रहेंगे, लेकिन योजना और संस्थागत सुधार के लाभ सभी 22 जिलों तक पहुंचेंगे।
‘वॉटर सिक्योर हरियाणा’ कार्यक्रम को एक समग्र, बहु विभागीय पहल के रूप में तैयार किया गया है, जो आधुनिक अवसंरचना, टिकाऊ कृषि पद्धतियों और समुदाय की भागीदारी को जोड़ता है। इसके तहत 14 रणनीतिक सिंचाई क्लस्टरों में लगभग 1,798 किलोमीटर नहरों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, जिसमें रियल टाइम डेटा एक्विजिशन सिस्टम (आरटीडीएएस) और सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन (एससीएडीए) जैसी आधुनिक स्वचालित प्रणालियाँ शामिल होंगी। दक्षिण हरियाणा के विभिन्न जिलों में लगभग 80 जल संरचनाओं को पुनर्जीवित किया जाएगा ताकि भूजल पुनर्भरण को सुदृढ़ किया जा सके।
विश्व बैंक के प्रतिनिधिमंडल में जूप, बोगचन, सत्या, सौम्या और कार्तिक शामिल थे। बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल,कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल, निदेशक रजनारायण कौशिक, मुख्य वन संरक्षक विनीत कुमार गर्ग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के इंजीनियर इन चीफ बीरेंद्र सिंह, वाईडब्ल्यूएस (एन) के इंजीनियर इन चीफ डॉ. सतबीर सिंह कादयान तथा मिकाडा के चीफ इंजीनियर एस डी शर्मा उपस्थित रहे।
